नई दिल्ली: अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को विवादित मीडिया संस्थान न्यूज़क्लिक (Newsclick) को भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए चीनी फंडिंग मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तलब किया है। ED ने दिल्ली की एक कोर्ट द्वारा जारी लेटर रोगेटरी पर कार्रवाई करते हुए कथित तौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से नेविल रॉय सिंघम को समन भेजा है, जो वर्तमान में शंघाई में स्थित हैं। क्या है मामला:- बता दें कि, न्यूज़क्लिक, जो वर्तमान में आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत जांच के दायरे में है, पर चीन से जुड़ी संस्थाओं से कथित संबंध रखने, भारत में चीनी प्रचार प्रसारित करने के लिए धन प्राप्त करने का आरोप है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने पहले एक रिपोर्ट में नेविल रॉय सिंघम को इस तरह की सामग्री के वैश्विक प्रसार में शामिल होने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि, नेविल रॉय दुनियाभर में चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए मीडिया संस्थानों को फंडिंग करता है और उनसे काम करवाता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि, इसी सिंघम ने भारत में भी चीनी प्रोपेगेंडा और भारत विरोधी एजेंडा फैलाने के लिए न्यूज़क्लिक को फंडिंग की है। हालाँकि, जांच में आरोपी के रूप में नामित सिंघम ने आरोपों से इनकार किया है। ED ने दिल्ली पुलिस की एक शिकायत के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी। अक्टूबर में न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ सहित कई पत्रकारों के घरों और कार्यालयों पर छापे मारे गए थे। इसके बाद, पुरकायस्थ और अन्य को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था, ED अब श्री पुरकायस्थ की हिरासत की मांग कर रही है, जो वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। कानूनी चुनौतियाँ:- पुरकायस्थ और वेबसाइट के मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। हालाँकि, अदालत ने सुनवाई को त्योहारी छुट्टियों के बाद तक के लिए टाल दिया था। आरोप और खंडन:- FIR में आरोप लगाया गया है कि न्यूज़क्लिक ने FDI कानूनों का उल्लंघन करते हुए 2018/19 में US-पंजीकृत वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स LLC से ₹9.59 करोड़ की फंडिंग प्राप्त की। इसमें आगे दावा किया गया है कि नेविल रॉय सिंघम ने घरेलू नीतियों और विकास परियोजनाओं की आलोचना करने के लिए धोखाधड़ी से चीन से विदेशी फंड का इस्तेमाल किया। जवाब में, Newsclick ने सभी आरोपों का जोरदार खंडन किया है, जिसमें बताया गया है कि कई छापों के बावजूद, पिछले दो से अधिक वर्षों में उनके खिलाफ कोई मनी लॉन्ड्रिंग शिकायत दर्ज नहीं की गई है। वेबसाइट ने इस बात पर जोर दिया कि छापे प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा मारे गए थे। 'मेरी आवाज दबाने के लिए मुझे गिरफ्तार किया गया...', AAP नेता संजय सिंह ने जेल से लिखी चिट्ठी उत्तराखंड में जहां सुरंग में फंसे हैं 40 मजदूर, वहाँ आया भूकंप उत्तरकाशी में अब तक सुरंग से नहीं निकाले जा सके मजदूर, लोगों ने बताया 'बौखनाग देवता का गुस्सा'