एनएचएआइ धन जुटाने के लिए उठाने जा रही यह कदम

नई दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआइ नई परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त धन जुटाने के लिए नए विकल्प तलाश रही है। टीओटी योजना के जरिये तैयार सड़क परियोजनाओं के टोल ठेके देने का उसका कदम नाकाफी साबित हुआ है। इसलिए अब वह राजमार्गो के किनारे की जमीन को लीज पर देकर भी पैसा जुटाएगा। इस प्रस्ताव को हाल ही में एनएचएआइ बोर्ड ने मंजूरी दी है। एनएचएआइ अपनी हाईवे परियोजनाओं के किनारे की जमीन को निजी कंपनियों को लीज पर देकर धनराशि जुटाएगा। नई सड़क परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण की बढ़ी लागत के कारण इसकी जरूरत महसूस की गई है।

महानगरों और शहरों के नजदीक हाईवे के किनारे की जमीन इस योजना के लिए अधिक उपयुक्त पाई गई हैं। इन्हें हाईवे इनफ्लुएंस जोन का नाम दिया गया है। एनएचएआइ का आकलन है कि इन राजमार्गो के किनारे दोनों ओर 500-500 मीटर के भूखंडों को लीज पर उठाया जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना को इसी वर्ष लागू करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों को भरोसे में लेने का प्रयास किया जा रहा है।

भारतमाला परियोजना के संदर्भ में इस योजना को उपयुक्त समझा जा रहा है, क्योंकि इसमें राज्यों की भी भागीदारी है। बीते दिनों सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस तरह की योजना लाए जाने के बारे में संकेत दिए थे। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि एनएचएआइ ने धन जुटाने के लिए कुछ नए विकल्प तलाशे हैं। इनमें एक विकल्प नए एक्सप्रेस हाईवे के किनारे की जमीन को निजी कंपनियों को लीज पर देना है, ताकि वे वहां रोड साइड सुविधाएं विकसित कर सकें।

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