चंडीगढ़: खालिस्तानी आतंकी और प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SJG) के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक्शन लेते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज पंजाब के चंडीगढ़ में उनके घर को जब्त कर लिया और अमृतसर में उनके स्वामित्व वाली जमीन को जब्त कर लिया। बता दें कि, पन्नू पर पंजाब में 22 आपराधिक मामले हैं, जिनमें तीन देशद्रोह के केस शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियों में अमृतसर जिले के बाहरी इलाके में स्थित उनके पैतृक गांव खानकोट में 46 कनाल कृषि संपत्ति शामिल है। एक अन्य संपत्ति, चंडीगढ़ के सेक्टर 15-सी में मकान नंबर 2033 को भी जब्त कर लिया गया है। पन्नू ने अब संपत्ति का अधिकार खो दिया है, और यह अब सरकार की है। 2020 में, उनकी संपत्ति कुर्क कर ली गई, जिसका मतलब था कि वह संपत्ति नहीं बेच सकता था। बता दें कि, आतंकी पन्नू ने हाल ही में भारतीय-कनाडाई हिंदुओं को देश छोड़कर भारत लौटने की धमकी दी थी। एक अन्य खालिस्तानी आतंकवादी, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर दोनों देशों के बीच बड़े राजनयिक विवाद के बीच एक वायरल वीडियो में, पन्नु को यह कहते हुए सुना गया था कि, "भारत-कनाडाई हिंदुओं, आपने कनाडा और कनाडाई संविधान के प्रति अपनी निष्ठा को अस्वीकार कर दिया है। आपकी मंजिल है भारत। कनाडा छोड़ो, भारत जाओ।" पन्नू ने कहा था कि, "खालिस्तान समर्थक सिख हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं। उन्होंने हमेशा कनाडा का पक्ष लिया है और उन्होंने हमेशा कानूनों और संविधान को बरकरार रखा है।" पन्नू ने सभी कनाडाई सिखों से 29 अक्टूबर को वैंकूवर में जनमत संग्रह के लिए इकट्ठा होने का आग्रह किया था, ताकि इस बात पर मतदान किया जा सके कि क्या भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार थे। बता दें कि, गृह मंत्रालय ने जुलाई 2020 में पन्नू को आतंकवादी घोषित कर दिया था और उसके लिए इंटरपोल रेड नोटिस का अनुरोध किया था। हालाँकि, इंटरपोल ने अपर्याप्त जानकारी का हवाला देते हुए उसके खिलाफ आतंकी आरोपों पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के भारत के अनुरोध को दो बार खारिज कर दिया है। उल्लेखनीय है कि, पन्नू का संगठन पंजाब और भारत के कई पड़ोसी इलाकों से अलग होकर एक धर्म आधारित अलग राज्य की वकालत करता है, जिसे 'खालिस्तान' के नाम से जाना जाए। इसने कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में "पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह" भी आयोजित किया है। भारत सरकार ने तथाकथित जनमत संग्रह को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है और कनाडा सरकार से इसके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। 'हर हर महादेव' के उद्घोष के बीच काशी को मिली इंटरनेशनल स्टेडियम की सौगात, PM बोले- एक शिवशक्ति प्वाइंट चाँद पर, दूसरा यहाँ 'आरोप लगाए, अब कोर्ट में साबित करो..', इस कांग्रेस सांसद पर CM सरमा की पत्नी ने ठोंका 10 करोड़ का मानहानि का मुकदमा 'आतंकवाद से लड़ने के लिए वैश्विक कानूनी ढांचे की जरूरत..', CJI के सामने पीएम मोदी ने कह दी बड़ी बात