भरुच हत्याकांड तो ट्रेलर था, डी गैंग के निशाने पर कई VVIP थे

नई दिल्ली : अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के वैसे तो कई खुफिया बिजनेस है। लेकिन हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने जिस नए बिजनेस का पता लगाया है, वो है रेस्टोरेंट का बिजनेस। दाउद इसमें पार्टनर के रुप में है, जबकि मुख्य रुप से उसी का एक गुर्गा इसे ऑपरेट करता है। दाउद का खास गुर्गा दाउद भाई पटेल उर्फ चिकना कराची में रेस्टोरेंट चलाता है। भरुच मर्डर केस में एनआईए ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कहा गया है कि कराची में कैफे इक्वीनॉक्स नाम का रेस्टोरेंट चिकना का बेटा चलाता है, लेकिन रेस्टोरेंट की फंडिंग पूरी तरह से दाऊद द्वारा की गई है।

इस चार्जशीट में उसके पाकिस्तान स्थित दो ठिकानों का जिक्र है। एक ठिकाना क्लिफटन कराची में बाग इब्ने कासिम है। दूसरा पता डी-5 म्यांमार ऑर्केड, गुलशन-ए-इकबाल गुलशन अस्पातल के पास कराची है। जांच एजेंसियों के मुताबिक क्लिफ्टन में ही दाऊद इब्राहिम रहता है।

भरुच हत्याकांड में चिकना मुख्य आरोपी है। इस केस में एक और आरोपी जावो ने बताया कि दाउद गैंग एक बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थी। इसमें बीजेपी और संघ से जुड़े बड़े नेताओं को निशाना बनाया जाना था। 2002 में हुए दंगों के लिए जिम्मेदार दक्षिणपंथी नेताओं की हत्या की प्लानिंग की गई थी।

उसी कड़ी में बीजेपी के चार नेताओं की हत्या की गई। खबर के मुताबिक डी कंपनी के इन गुर्गो पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में अशांति फैलाने के लिए हमेशा दबाव बनाती रहती है। एनआईए की जांच में पता चला है कि गुजरात में हुए नेताओं की हत्या तो महज ट्रेलर थी। असल में उनके निशाने पर कई वीवीआईपी थे।

चार्जशीट की मानें तो भरुत कांड के लिए चिकना ने ही हथियारों की व्यवस्था की थी। चिकना को इन हथियारों की सप्लाई सऊदी अरब बेस्ड पाकिस्तानी मूल के नागरिक अस्फाक अंसारी ने मुहैया कराई थी। चिकना ने हवाला के जरिए हत्याकांड में शामिल दूसरे अपराधियों को पांच लाख का भुगतान किया था।

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