नईदिल्ली : उरी में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच चल रही है। इस दौरान यह बात सामने आई है कि आतंकी तार फैंसिंग काटकर बाॅर्डर में दाखिल हुए थे। अंदर दाखिल होने वाले आतंकियों में अधिकांश आतंकी लश्कर - ए - तैयबा के थे। हालांकि इनके जैन ए मोहम्मद के होने की बात पहले की गई थी। मगर बाद में यह स्पष्ट हुआ कि ये आतंकी लश्कर के थे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वे मानते हैं कि सुरक्षा में चूक हुई है मगर अब ऐसे कदम उठाने होंगे कि दोबारा गलतियां न हों। राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा यह कहा गया है कि आतंकियों ने दो स्थानों से घुसपैठ की थी। पहले तो उन्होंने 12 वीं ब्रिगेड के मुख्यालय को निशाना बनाया। जहां आतंकी तार काटकर दाखिल हुए। उन्होंने दो स्थानों से तार काटे। तार काटने के बाद वे बेरोकटोक अंदर चले गए। आतंकियों ने सेना का वर्दी पहन राी थी जिससे किसी को भी उनके आतंकी होने का शक नहीं हआ। आतंकियों के पास कुछ छोटी बोतलों में पैट्रोलियम जेली और जिलेटिन रखा था। इसका उपयोग टेंट में आग लगाने के लिए किया गया। हालांकि यह बात भी सामने आ रही है कि उन्हें घुसपैठ में सहायता की गई है इस बात से भी नकारा नहीं जा सकता है। आतंकियों ने सेना के रसोई घर और स्टोर रूम को क्षति पहुंचाई और वहां आग लगा दी। इसे उन्होंने ताले से बंद कर दिया। मगर बड़ी वारदात करने से पहले आतंकियों को मार दिया गया।