नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली को इस बात की पीड़ा है कि उनकी माँ महिला होने के कारण भारत में जज नहीं बन पाई.हेली का कहना है कि उसकी मां इस योग्य थी भी , लेकिन वह महिला थी इसलिये वह ऐसा नहीं कर पाईं.एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेली ने यह बात कही. गौरतलब है कि एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेली ने यह जरूर कहा कि उनकी मां संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की एंबेसडर चुने जाने पर काफी खुश हैं. उन्होंने दावे से कहा कि अगर मेरी मां जज बनती तो वह भारत की पहली महिला जजों में से एक होती. आपको जानकारी दे दें कि भारतीय मूल की निक्की हेली के माता-पिता 1960 में भारत छोड़कर अमेरिकी शिफ्ट हो गये थे. बता दें कि भारत की पहली महिला जज अन्ना चांडी त्रावणकोर थी. वह 1948 में जिला जज बनीं, तो वहीं 1959 में हाईकोर्ट की जज भी बन गई. भारतीय मूल की निक्की हेली ने अमेरिका में ट्रेड और मजदूरों के लिए बहुत काम किया है. संयुक्त राष्ट्र में राजदूत बनने से पहले वह अमेरिकी में गवर्नर भी रह चुकी हैं. अमेरिका में गत वर्ष हुए चुनाव के दौरान हेली ने डोनाल्ड ट्रंप का विरोध किया था. लेकिन इसके बावजूद ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें ही संयुक्त राष्ट्र में एंबेसडर की जिम्मेदारी सौंपी. यह भी देखें मोदी को UNO की चेतावनी, पीएम सोच समझ कर बोलें हाई-स्किल्ड भारतीयों के जरिए दुनिया का तकनीकी हब बनाना चाहता है चीन