9 तथ्यों में जानिए प्रथम विश्व युद्ध की सच्चाई

आज से 104 साल पहले 28 जुलाई 1914 को प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत ऑस्ट्रिया द्वारा सर्बिया पर आक्रमण किये जाने के साथ हुई थी. इसके बाद इस महासंग्राम में दूसरे देश भी जुड़ते गए और गिनती 30 से ज्यादा देशों तक पहुँच गई. यह युद्ध 4 सालों तक निरंतर चलता रहा, जिसमे करोड़ों जवानों और नागरिकों ने अपनी जान गंवई थी. आज इसी महासंग्राम की 104 वर्ष पुरे होने पर हम आपके लिए लाए हैं, उस युद्ध की कुछ रोचक जानकारी.

प्रथम विश्व युद्ध की वजह थी ऑस्ट्रिया के राजकुमार की  बोस्निया की राजधानी सेराजेवो में हत्या, इसी चिंगारी ने बाद में ज्वाला का रूप ले लिया था. युद्ध के दौरान कुत्तों को सन्देश वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, उनके शरीर से जुड़े कैप्सूल्स में सन्देश छिपे होते थे.

इस विश्वयुद्ध में लगभग 6.5 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया था, जिसमे से करीब 1 करोड़ लोग मारे गए थे.

जर्मनी में पुरुषों की संख्या इतनी कम हो गई थी कि हर तीन औरतों में से एक को ही पति मिल पाता था. अगर आपको लगता है कि इस युद्ध के दौरान सभी लोग हथियारों से मारे गए थे, तो आप गलत हैं, इस युद्ध में हज़ारों मौतें बीमारी की वजह से हुई थी.

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जिस बीमारी से मौतें हुई थी उसका नाम है स्पेनिश फ्लू. कुल सैनिक मौतों से एक तिहाई स्पेनिश फ्लू के कारण हुई थी. युद्ध के दौरान 30 अलग-अलग तरह की जहरीली गैस छोड़ी गई थी. जिससे बचने के लिए सैनिक मुँह पर यूरिन में भीगा हुआ कपडा बांधते थे.

प्रथम विश्व युद्ध के बाद हजारों सैनिक क्षतिग्रस्त और अपंग हो गये थे और कुछ का तो पूरा जीवन हॉस्पिटल में बीता.

इस युद्ध में भारत के कुल 8 लाख सैनिक मैदान में थे, जिसमे से लगभग 50 हज़ार सैनिक मारे गए थे. इस युद्ध के बाद भारत की अर्थव्यवस्था बिलकुल बैठ गई थी. 

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