अभी तक दिल्ली में इस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है. केरल की बात करें तो वहां निपाह वायरस से मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 16 हो गई है. ये बिमारी पक्षियों से इंसानों में फैलने वाली बिमारी है. इस वायरस का संक्रमण चमगादड़ों के काटे फलों में उनके सलाइवा से, निपाह वायरस से ग्रसित मरीजों और सुअरों से होता है. निपाह वायरस के संक्रमण से दिमागी बुखार होता है. शुरुआत में मरीज़ को तेज बुखार के साथ कफ और सांस लेने में तकलीफ होती है. एडवायजरी में कहीं आने जाने की बड़ी मनाही तो नहीं है, लेकिन फिर भी लोगों को केरल के संक्रमित इलाकों में जाने से मना किया गया है. एडवायजरी में लोगों से ऐसे फलों को खाने में सावधानी बरतने को कहा गया है जिसे अक्सर चमगादड़ या दूसरे पक्षी काटकर नीचे गिरा देते है. एडवायजरी में किसी को भी तेज बुखार के साथ गले में समस्या जैसी शिकायत पर तुरंत डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी गई है. लोगों से खुद से कोई दवाई लेने को मना किया गया है. लोगों को सफाई रखने की सलाह दी गई है, साफ रुमाल का इस्तेमाल करें, हाथ को भोजन से पहले और बाद में साबुन से धोएं और बाजार से आने के बाद भी हाथों को अच्छी तरह साफ करें, फलों को पानी में अच्छी तरह से धोने के बाद ही खांए और किसी फल पर किसी तरह का निशान होने पर उसे खरीदने या खाने से बचें. निपाह वायरस से दो और लोगों की जान गई यह जानिए निपाह वायरस से बचने के तरीकें 'निपाह वायरस' की तरह है राहुल गांधी, जिसके संपर्क में आए वो खत्म निपाह वायरस नाम मलेशिया में रखा गया