नई दिल्ली. दिल्ली में हुए निर्भया गैंग रेप की खौंफनाक दास्तान का जिक्र आते ही दिल दहल जाता है. दिल्ली दुष्कर्म कांड के दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर फांसी की सजा को चुनौती दी है. उसने कोर्ट ने गत 5 मई के फैसले पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है. साल 2012 में 16 दिसंबर की रात को 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में जघन्य तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे उसके एक दोस्त के साथ बस से बाहर फेंक दिया गया था. उसी साल 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में लड़की की मौत हो गयी थी. इस सनसनीखेज वारदात के छह अभियुक्तों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा अभियुक्त किशोर था. उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने की सजा सुनाई गई थी. सामूहिक दुष्कर्म कांड के इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से दोषियों को फांसी की सजा दी गई है. गत पांच मई को सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को मौत की सजा देने के हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगाई थी. चार में से एक दोषी मुकेश ने वकील एमएल शर्मा के जरिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर फांसी की सजा रद किये जाने की मांग की है. अभियोजन पक्ष के मुताबिक मुकेश घटना की रात बस को चला रहा था जिसमें छात्रा के साथ हैवानियत हुई थी. उसने भी छात्रा से दुष्कर्म किया था, लेकिन दाखिल पुनर्विचार याचिका में मुकेश ने कहा है कि वह घटना की रात बस में नहीं था. उसे झूठा फंसाया गया है. घटना की रात 16 दिसंबर को वह 8.54 पर लाजपत नगर में था. दिल्ली पुलिस ने दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की थी, वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा था कि गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि के होने और युवा होने की वजह से नरमी बरती जानी चाहिए. प्रद्युम्न हत्याकांड के आरोपी छात्र को थी ये गन्दी लत एनडीएफबी का उग्रवादी साथी सहित पकड़ा गया आज पटना के दौरे पर महामहिम कोविंद