भोपाल: मध्य प्रदेश से एक दुखद खबर सामने आ रही है। यहाँ प्रदेश की पहली और अब तक की इकलौती महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच का रविवार प्रातः निधन हो गया। निर्मला कैंसर से पीड़ित थीं तथा लम्बे वक़्त बीमार चल रही थीं। रविवार प्रातः 97 वर्ष की आयु में भोपाल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे मध्य प्रदेश कैडर से 1960 बैच की IAS अफसर थीं। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। निर्मला बुच 1960 बैच की IAS अफसर हैं। वर्ष 1991 में उन्हें मध्य प्रदेश की पहवी मुख्य सचिव बनाया गया था। निर्मला बुच 22 सितंबर 1991 से 1 जनवरी 1993 तक मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव थीं। राज्य की महिला नीति बनाने तथा उसे लागू करवाने में इनकी अहम भूमिका है। निर्मला बुच 1961 से 1993 तक मध्य प्रदेश एवं भारत सरकार के तमाम विभागों के पदों पर रहीं। वे मध्य प्रदेश सरकार में 1975-77 तक वित्त सचिव एवं शिक्षा सचिव तथा 1991-1992 में मुख्य सचिव के पद पर रहीं। वे भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय में खास सलाहकार रहीं। निर्मला बुच का राज्य की पूर्व सीएम उमा भारती से गहरा नाता है। वर्ष 2003 में तत्कालीन सीएम उमा भारती ने सीएम बनने पर निर्मला बुच को अपना सलाहकार नियुक्त किया था। उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन तथा संपादन भी किया है। इसके अतिरिक्त प्रशासनिक पदों पर रहते हुए सरकार और गैर सरकारी संगठनों को साथ मिलकर शोध, प्रबंधन एवं समाज को ताकत देने की निरंतर वकालत की। निर्मला बुच ने विभिन्न पदों पर रहते हुए नारी उत्थान एवं विकास के लिए कई मॉडल तैयार किए और उन पर काम भी किया, जो मील का पत्थर साबित हुए। उन्होंने शुद्ध पर्यावरण का प्रारूप तैयार किया। साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर राष्ट्रीय महिला कोष को प्रभावी बनाने की दिशा में काम किया, जो आज भी जारी है। 'टूटने वाले हैं JDU के सांसद-विधायक, इस मौके का कर रहे इंतजार..', नितीश कुमार पर चिराग पासवान का बड़ा दावा NDA में शामिल होंगे जयंत चौधरी ? RLD को भाजपा ने दिया सियासी न्योता महिला ने अपने ही पति को उतारा मौत के घाट, फिर कुएं में फेंक दी लाश