खतरे में निर्मला सप्रे की सदस्यता! हाईकोर्ट से नोटिस जारी कर मांगा जवाब

भोपाल: मध्यप्रदेश की बीना विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खतरे में है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष से जवाब तलब किया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार द्वारा दायर याचिका पर उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने विधायक निर्मला सप्रे को भी नोटिस जारी किया है। कांग्रेस ने इस मामले में सप्रे की सदस्यता रद्द करने की मांग की है, जिसे लेकर अब कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

क्या है मामला? सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस की MLA निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का ऐलान किया था। हालांकि, उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सप्रे ने कांग्रेस विधायक के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है, जो दल-बदल कानून का उल्लंघन है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने इस मुद्दे को विधानसभा अध्यक्ष के सामने उठाते हुए उनकी सदस्यता निरस्त करने की मांग की थी। जब इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया है कि निर्मला सप्रे ने बीजेपी की सदस्यता लेकर अपनी मौजूदा पार्टी कांग्रेस से विश्वासघात किया है।

निर्मला सप्रे का पक्ष निर्मला सप्रे ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि उन्होंने भाजपा की सदस्यता औपचारिक रूप से नहीं ली है। विधानसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में सप्रे ने कहा कि वह कांग्रेस से निराश हो चुकी हैं, किन्तु भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का निर्णय अभी नहीं लिया है।

वही हाईकोर्ट ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष और विधायक निर्मला सप्रे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई का अधिकार उन्हीं के पास है। कोर्ट के निर्देश के बाद यह मामला और जटिल हो सकता है।

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