नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने बजट 2022-23 में करदाताओं (Taxpayers) को बड़ी सुविधा दी है. यदि किसी करदाता से रिटर्न (ITR) फाइल करते वक़्त कैलकुलेशन में कोई गलती हो जाती है, तो अब उसे सुधारने के लिए दो वर्ष का समय मिलेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए इस संबंध में ऐलान किया है. निर्मला सीतारमण ने अपना चौथा बजट पेश करते हुए कहा कि करदाताओं के लिए अपडेटेड रिटर्न (Updated ITR) दाखिल करने का प्रावधान किया गया है. करदाता किसी भी एसेसमेंट ईयर के आखिरी दिन से अगले 2 वर्षों तक अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इसका मतलब हुआ कि यदि आपने 2021-22 का ITR दाखिल किया और उसमें कुछ बदलना चाहते हैं, तो इसके लिए 2023-24 तक अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए NPS अकाउंट में सरकारी कंट्रीब्यूशन पर टैक्स डीडक्शन (Tax Deduction) की लिमिट बढ़ाने का भी ऐलान किया. अब यह डीडक्शन लिमिट बढ़कर 14 फीसदी हो गई है. अब राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए भी यह रियायत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर हो गई है सरकार ने पहली दफा डिजिटल संपत्तियों पर टैक्स लगाने का फैसला लिया है. इसका मतलब हुआ कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के ट्रांसफर से हुई आमदनी पर अब टैक्स चुकाना होगा. इनके ऊपर 30 फीसदी का भारी-भरकम कर लगाने का प्रस्ताव बजट में किया गया है. एक सीमा से ऊपर के ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी की दर से TDS भी कटेगा. क्रिप्टोकरेंसी जैसी संपत्तियां गिफ्ट करने पर भी कर का प्रावधान किया गया है. Budget 2022: क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का बड़ा फैसला, 30% टैक्स का झटका बजट 2022: आरबीआई अगले साल भारत का अपना डिजिटल करेंसी जारी करेगा भारत 9.2 प्रतिशत की विकास दर को छूने के लिए तैयार