नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि ये एक गंभीर मसला है, जिसमें कीमतें कम करने के अतिरिक्त कोई भी जवाब किसी को संतुष्ट नहीं कर सकता. केंद्र और राज्य दोनों को ग्राहकों के लिए उचित स्तर पर खुदरा ईंधन मूल्य में कमी लाने के लिए बात करनी चाहिए. इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने कहा कि, "ओपीईसी देशों ने उत्पादन का जो अनुमान जताया था, वह भी नीचे आने की संभावना है, जो फिर से चिंता बढ़ा रहा है. तेल की कीमत पर सरकार का नियंत्रण नहीं है, इसे तकनीकी तौर पर मुक्त कर दिया गया है. तेल कंपनियां क्रूड ऑइल आयात करती हैं , रिफाइन करती हैं और बेचती हैं." बता दें कि वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया ऐसे वक़्त में आई है जब देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष, केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. पेट्रोल की कीमत ने शनिवार को मुंबई में 97 रुपये प्रति लीटर के उच्च स्तर को छू लिया, जबकि डीजल की कीमत 88 रुपये के स्तर को पार कर गए. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, शनिवार को पेट्रोल की कीमत में रिकॉर्ड 39 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 37 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. इसके साथ ही कीमतों में लगातार 12वें दिन वृद्धि हुई और यह तेल कंपनियों द्वारा 2017 में कीमतों की दैनिक समीक्षा शुरू किए जाने के बाद एक दिन में सबसे बड़ी वृद्धि है. केंद्र ने अक्टूबर 2020 से राज्यों को जारी किया 1 लाख करोड़ का मुआवजा वॉरेन बफेट ने बेच डाला अपना पूरा सोना, जानिए उद्योगपति ने क्यों किया ये घाटे का सौदा ? वी-गार्ड इंडस्ट्रीज के प्रमोटर ने सामाजिक कारणों के लिए 90 करोड़ रुपये के बेचे शेयर