नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं. लेकिन इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लेकर एक बार फिर विवाद पैदा हो गया है. निर्वाणी छावनी के महंत धर्मदास ने राम मंदिर ट्रस्ट पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को लीगल नोटिस भेजा है. नोटिस में बताया गया है कि निर्वाणी अखाड़े की राम जन्म भूमि विवाद की विधिक लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. निर्वाणी अखाडे़ ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में स्थान न मिलने पर नाराजगी प्रकट की है. महंत धर्मदास ने ट्रस्ट में निर्वाणी अखाड़े को जगह दिए जाने की मांग की है. नोटिस में महंत धर्मदास ने कहा कि 2 महीने के अंदर उन्हें नए राम मंदिर में पुजारी की भूमिका में लिए जाने का निर्णय लिया जाए. निर्वाणी अखाडे़ के महंत धर्मदाल ने कहा कि यदि उनकी मांग पर विचार नहीं किया जाता है, तो वह आगे कानूनी रास्ता अपनाएंगे. उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत में कानूनी जंग के दौरान निर्वाणी अखाड़ा भी पैरोंकारों में मौजूद था. लिहाजा धर्मदास ने राम मंदिर के पुजारी की गद्दी अपना दावा ठोंका है. अयोध्या जमीन विवाद पर ऐतिहासिक फैसला देते हुए शीर्ष अदालत ने मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था. इसके बाद मोदी सरकार द्वारा 15 सदस्यीय ट्रस्ट गठित किया गया था. इस ट्रस्ट का नाम 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' रखा गया है. इस ट्रस्ट की जिम्मेदारी राम मंदिर निर्माण और उसके तमाम प्रबंधों को देखने की होगी. सोने की कीमतों ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, चांदी के भाव में भी उछाल कोरोना काल में चरमराती अर्थव्यवस्था पर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का बड़ा बयान हरे निशान में खुलने के बाद टूटा शेयर बाजार, रिलायंस के शेयरों में तेजी बरक़रार