नई दिल्ली: नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने हाल ही में कहा है कि, 'आंदोलन कर रहे किसान नए कृषि कानूनों को पहले पूरी तरह से समझ ले। उनका कहना है कि अब तक किसानों को कानून समझ नहीं आए हैं। जी दरअसल इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन कानूनों में किसानों की आय को बढ़ाने की काफी क्षमता है। जी दरअसल उन्होंने अपने बयान में कहा कि, 'इन कानूनों का मकसद वह नहीं है, जो आंदोलन कर रहे किसानों को समझ आ रहा है। इन कानूनों का उद्देश्य इसके बिल्कुल उलट है।' इसी के साथ उन्होंने एक वेबसाइट से बात करते हुए यह भी कहा, 'जिस तरीके से मैं देख रहा हूं, मुझे लगता है कि आंदोलन कर रहे किसानों ने इन कानूनों को पूरी तरह या सही तरीके से समझा नहीं है। यदि इन कानूनों का क्रियान्वयन होता है, तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। कुछ राज्यों में तो किसानों की आय दोगुना तक हो जाएगी। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार को अब भी भरोसा है कि वह 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर पाएगी।' आप सभी जानते ही होंगे कि इस समय किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी कुछ मांगे हैं। वह सरकार से बात करना चाहते हैं। हाल ही में रमेश चंद ने यह भी कहा, 'देश के किसी भी राज्य में कॉरपोरेट खेती की अनुमति नहीं है। कई राज्यों में ठेका खेती पहले से हो रही है। एक भी उदाहरण नहीं है, जबकि किसान की जमीन निजी क्षेत्र की कंपनी ने ली हो।' सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 की समीक्षा बैठक में अधिकारीयों को दिए यह निर्देश भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है: अखिलेश यादव PM मोदी के पुणे जाने पर NCP नेता सुप्रीय सुले ने उठाए सवाल