मुंबई: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि काफी समय तक लॉकडाउन लागू रहने से कोरोना वायरस महामारी की तुलना में और गंभीर संकट उत्पन्न होगा. उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए 'जीने का तरीका' सीखने की हिदायत दी. भाजपा नेता नितिन गडकरी ने कहा कि लोगों की सुरक्षा और इकॉनमी के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि महामारी से अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, 'भूखे पेट में कोई दर्शन काम नहीं आता है. हमें कोरोना के साथ जीने का ढंग सीखना होगा.' एक कार्यक्रम में संबोधन देते हुए गडकरी ने कहा है कि, 'हमें खुद की रक्षा और इकॉनमी को गति देने के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है.' उन्होंने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन से आर्थिक संकट पैदा हुआ है और केंद्र का राजस्व भी घटा है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक लॉकडाउन लागू रहने के कारण कोरोना महामारी की तुलना में एक और गंभीर संकट पैदा होगा. गडकरी ने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताते हुए कहा कि लॉकडाउन के लाभ-हानि पर सवाल उठाने का यह विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि,'लॉकडाउन की आवश्यकता थी या नहीं, इस पर चर्चा करना सही नहीं है. उस वक़्त उचित फैसले लिए गए. हमें अनुभवों से सीखना होगा. लॉकडाउन पर सियासत करने की जरूरत नहीं है.' मुकेश अंबानी बोले- 2जी सेवाओं से हटने के लिए तत्काल नीतिगत कदमों की आवश्यकता इस खाड़ी देश ने भारतीय नागरिकों के प्रवेश पर लगाई रोक ! लाखों लोगों की नौकरी पर संकट मुक्केबाज विकास कृष्णन ने ट्रेडिशनल प्रैक्टिस को नहीं बताया उचित