पुणे: एक बार फिर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने एक बयान के कारण सुर्खियों में आ गए हैं, पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में लोगों को सम्बोधन देते हुए गडकरी ने कहा है कि भाजपा के 'नेतृत्व' को 'हार और विफलताओं' की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए, क्योंकि सफलता के कई श्रेय लेने वाले होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं देता है. किसान दिवस : दाने-दाने को मोहताज देश का अन्नदाता, जानिए इस दिन की कुछ दिलचस्प बातें... अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गडकरी ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद प्रत्याशी मिलने पर बहाना बना देते हैं, कहते हैं कि पोस्टर नहीं मिला, पार्टी से पैसा नहीं मिला, बड़े नेता की सभा नहीं की गई. इस प्रकार सारा माहौल खराब कर दिया और इन सब कारणों से हार हुई है, जबकि उन्हें हार स्वीकारना चाहिए और अपनी गलती मान लेना चाहिए लेकिन ऐसा आम तौर पर नहीं होता है. विपक्ष पर भाजपा का वार, कहा महागठबंधन के ड्राइवर के पास लर्निंग लाइसेंस तक नहीं गडकरी ने कहा कि हार की जिम्मेदारी लेने की हिम्मत शीर्ष नेतृत्व में होनी चाहिए और जब तक नेतृत्व हार का बोझ खुद के कंधों पर नहीं लेगा तब तक संस्था के प्रति उनकी वफ़ादारी और कटिबद्धता सिद्ध नहीं हो सकेगी. गडकरी का ये बयान काफी बातों की ओर संकेत करता है. आपको बता दें कि हाल ही में भाजपा की तीन बड़े राज्यों में हार हुई है, ऐसे में हार की जिम्मेदारी राज्य के ही शीर्ष नेताओं ने अपने ऊपर ली है लेकिन जब कहीं भाजपा की जीत होती है तो पार्टी की जीत का श्रेय पीएम मोदी और अमित शाह को दिया जाता है, लेकिन हारने पर विपक्ष को छोड़कर भाजपा के किसी भी नेता ने ये बात नहीं कही कि ये मोदी या अमित शाह की हार है. खबरें और भी:- अमेरिकी सरकार ने किया शटडाउन, बड़ी संख्या में कर्मचारियों पर पडेगा असर एनडीए में तय हुआ सीट शेयरिंग फॉर्मूला, जल्द होगा एलान इंडोनेशिया : सुनामी की चपेट में आकर 43 लोगों की मौत, कई लोग जख्मी