नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सरहदों पर किसानों के प्रदर्शन को 40 दिन से अधिक का समय हो गया है. हालांकि अभी तक किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बन सकी है. इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक साक्षात्कार में मुख्य समस्या जरूरत से अधिक खाद्यान और बाजार मूल्य से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बताया है. गडकरी ने इंटरव्यू को सवाल करते हुए कहा कि ऐसा क्यों है कि वैश्विक बाजार में चीनी की कीमत 22 रुपए प्रति किलोग्राम है, किन्तु हम गन्ने के लिए 34 रुपए प्रति किलो का भुगतान कर रहे हैं? हमारी MSP अंतरराष्ट्रीय कीमत और बाजार की कीमतों से अधिक है और यही समस्या है. उन्होंने आगे कहा कि समस्या की मूल वजह आवश्यकता से अधिक खाद्यान्न और बाजार मूल्य से अधिक MSP है. उन्होंने बताया कि एक दौर में हमारे पास देश में खाद्यान्न की कमी थी. वहीं हरित क्रांति के बाद अब हमारे पास चावल सरप्लस में है. 2020 के उत्पादन से पहले, हमारे गोदामों में तक़रीबन 280 लाख टन चावल था. हम पूरी दुनिया को चावल दे सकते हैं. मकई के मामले में, MSP 1,700 रुपए है, जबकि बाजार मूल्य तक़रीबन 1,100 रुपए है. गत वर्ष हमने 60 लाख टन चीनी का निर्यात किया, जिसपर 600 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी. शानदार बढ़त के साथ शुरू हुआ शेयर बाजार आज नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव को सम्बोधित करेंगे पीएम मोदी, देश को देंगे बड़ा तोहफा भारत की टैबलेट पीसी निर्माता लेनोवो ने 30 पीसी की वृद्धि का साधा लक्ष्य