बिहार के भोजपुर जिला के चंदवा में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक उत्सव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शामिल हुए, पर उन्होंने मंच साझा नहीं किया. श्री रामानुज स्वामी जी महाराज के पांच दिवसीय सहस्त्राब्दि समारोह के समापन पर आयोजित इस महायज्ञ में जहां नीतीश दोपहर में शामिल हुए वहीं भागवत दोपहर बाद आए. गत जुलाई महीने में महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ बिहार में एनडीए की सरकार बनाने के बाद यह पहला अवसर है जब नीतीश और भागवत दोनों ने साथ-साथ किसी कार्यक्रम में शिरकत की है. इस कार्यक्रम के बहाने, कभी ‘संघ मुक्त भारत’ की बात करने वाले नीतीश पर, प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी ने हमला बोल दिया. पार्टी के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने ट्वीट कर आरोप लगाया ‘संघमुक्त भारत की बात करने वाले नीतीश जी कुर्सी के लोभ-मोह और मोदी जी के डर से अब मोहन भागवत जी से मिलकर संघयुक्त भारत की पहल करेंगे’. वहीं अन्य विधायक ने कहा ‘नितीश का असली चेहरा सामने आ गया है. यह इस बात को साबित करता है कि नीतीश ने बीजेपी और आरएसएस से हाथ मिलाने के लिए तेजस्वी का सहारा लिया.’ वहीं जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस समारोह को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह विशुद्ध रूप से सामाजिक और धार्मिक आयोजन था जिसमें कई देशों के आए लोग शामिल हुए. बाल विवाह और दहेज मुक्त समाज बनाने का संकल्प- नितीश राम रहीम और हनीप्रीत के बारे में मॉडल ने किए नए खुलासे