महिला दिवस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को एक ऑफऱ दिया है उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बुधवार को जदयू के महिला प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को और सशक्तीकरण करना है क्योंकि जिस प्रकार से हम महिलाओं के सशक्तीकरण की बात करते है असलियत में ऐसा है नही। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार से कहा कि सरकरा संसद और विधानमंडलों में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को जल्द लाये, अगर सरकार ऐसा करती है तो हम उसका भरपूर समर्थन करेंगे। पटना के रवींद्र भवन में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने जदयू के महिला प्रकोष्ठ की सदस्यों को कुछ काम भी बांटे जैसे शराबबंदी, नशामुक्ति, दहेज प्रथा और टीकाकरण के साथ- साथ बेटा औऱ बेटी में भेदभाव के विरोध में भी लोगो को जागरुक करें। मुख्यमंत्री ने इस काम के लिए 15 दिनों का समय भी दिया है। महिलाएँ अपनी शक्ति नही पहचान पा रही हैं - मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू ने महिलाओं की शक्तियों को पहचाना है। स्कूली लड़कियों को पोशाक योजना, साइकिल योजना, पंचायत व नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को 50%आरक्षण, नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति में 50% आरक्षण, पुलिस की नौकरी में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया जा रहा है जो लोग महिला शक्ति को नहीं पहचान रहे हैं, यह उनकी गलती है। बिहार कि शिक्षा में आया अहम बदलाव- • मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005-06 में नवजात शिशु मृत्यु दर 61 प्रति हजार थी, जो 2015-16 में घट कर 48 हो गयी है। • वहीं, पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु दर पहले 84 थी, जो अब 58 हो गयी है। • लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है। प्रति 1000 नवजात लड़कों पर 893 लड़कियां होती थीं,जो अब 934 हैं। यह राष्ट्रीय औसत 919 से बेहतर है। • प्रजनन दर भी 3.9 थी, जो अब घट कर 2.2 हो गयी है. यह सब शिक्षा की वजह से ही संभव हो सका है। womens day पर ट्विटर का स्पेशल इमोजी इंटरनेशनल वीमेन डे पर सदन में रो पड़ी महिला मंत्री