पटना: बिहार में जातिगत जनगणना के मामले में सुनवाई जल्द पूरी करने की अर्जी के साथ बिहार की नितीश कुमार सरकार फिर पटना उच्च न्यायालय पहुंच चुकी है. हाईकोर्ट ने गर्मी के अवकाश के बाद 3 जुलाई को अगली सुनवाई मुक़र्रर की थी. सरकार मंगलवार को शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाएगी. सरकार 9 मई यानी मंगलवार को उच्च न्यायालय में इसी अपील के साथ अपनी दलील रखेगी. बिहार सरकार के वकील जनरल पीके शाही ने इस मामले में जल्द सुनवाई करने की अपील की है. पटना उच्च न्यायालय ने बीते गुरुवार को बिहार में जातिगत जनगणना पर रोक लगा दी थी. अदालत ने कहा था कि अब तक जो आंकड़े जमा किए गए हैं उनको नष्ट न किया जाए. न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई दो माह बाद यानी 3 जुलाई को मुकर्रर की थी. मगर, बिहार सरकार का कोर्ट में कहना था कि जातिगत जनगणना का कार्य 80 फीसदी पूरा हो चुका है. ऑफलाइन काम भी लगभग पूरा हो चुका है. इसी साल 7 जनवरी से शुरू हुई जनगणना का काम 15 मई को पूरा होना निर्धारित था. बता दें कि, नितीश सरकार ने इस अभियान के लिए बगैर कोई कानून बनाए पांच सौ करोड़ रुपए खर्च कर काम आरम्भ भी कर दिया. मगर काम पूरा होने से ऐन पहले मामला उच्च न्यायालय में चला गया. पटना हाईकोर्ट ने इस पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि हमारे मत के अनुसार, तो किसी भी राज्य सरकार को ऐसे जाति आधारित सर्वेक्षण कराने की शक्ति नहीं है, ये शक्ति केवल केंद्र सरकार के पास है . तमिलनाडु में नहीं दिखाई जाएगी The Kerala Story, राजनितिक दलों के विरोध के बाद मल्टीप्लेक्स संगठनों का फैसला मुख़्तार अंसारी का करीबी जुगनू वालिया पंजाब से गिरफ्तार, रेस्टोरेंट मालिक हत्‍याकांड में 2 साल से था फरार 'हिन्दुओं भारत छोड़ो..', यूपी में घर की दीवारों पर लिखे नारे, केस दर्ज कर छानबीन में जुटी पुलिस