पटना: बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए राज्य की नितीश सरकार ने कमर कस ली है. सरकार की मंशा है कि पूरा बिहार नहीं तो कम से कम राजधानी पटना ही शराबबंदी के लिए मिसाल पेश करे. इसके लिए राज्य के सबसे सख्त अधिकारी केके पाठक को एक बार फिर शराबबंदी को सफल बनाने का काम सौंपा गया है. सीएम नीतीश कुमार ने सख्त छवि वाले IAS अधिकारी के.के. पाठक को मद्य निषेध विभाग का अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया है. सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को शराबबंदी को लेकर एक समीक्षा बैठक की थी, उसके बाद से लगातार शराब पीने वालों और उसकी आपूर्ति करने वालों पर एक्शन जारी है. पुलिस ने पटना के लगभग 100 होटलों पर छापेमारी की कार्रवाई करते हुए शराब पीने वाले करीब 100 लोगों को अरेस्ट किया है. साथ ही शराब पीकर सड़कों पर चलने वालों की भी तलाशी शुरू हो गई है. पुलिस का ऐसा अभियान बहुत दिनों से बंद था. सीएम नितीश कुमार का स्पष्ट निर्देश है कि पूरे तौर पर काम किया जाए. लॉ एंड ऑर्डर की मजबूती के लिए और अपराध के विरुद्ध जैसी कार्रवाई होती है, उतनी सक्रियता के साथ शराबबंदी के मामले में भी करवाई हो. इसके लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जाएं. 'प्रियंका के कारण वापस हुए कृषि कानून..', रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी पत्नी को दिया PM के फैसले का क्रेडिट कृषि कानून: मायावती ने भाजपा सरकार को दी सलाह, कहा- आपकी नियत पर किया जा रहा शक इसलिए.. CAA प्रदर्शन से ही निकला किसान आंदोलन का रास्ता, इसे भी वापस लें PM - मौलाना अरशद मदनी