पटना : पिछले कुछ दिनों से बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही है.इनके बारे में उन्होंने जदयू की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में अपने मन की बात करते हुए खुलासा किया कि न तो वे लालू प्रसाद के दबाव में काम कर रहे है और न भाजपा के साथ जा रहे है.इस बैठक में उन्होंने कांग्रेस को भी नसीहत दी. उल्लेखनीय है कि जदयू की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अपने संकल्प को जताते हुए स्पष्ट कर दिया कि वे सिर्फ बिहार की राजनीति करेंगे. नीतीश ने कहा रामनाथ कोविंद को समर्थन के बाद हम पर कई आरोप लगे. जवाब हमें भी देना आता है पर गठबंधन को ध्यान में रखकर चुप है. बैठक में 22 जून की विपक्ष की बैठक में नहीं जाने के कारण का खुलासा करते हुए नीतीश ने गुलाम नबी आजाद द्वारा पटना की इफ्तार पार्टी में उनके खिलाफ की गई बातों से नाराज होकर ही वे नहीं गए. सिद्धांत से कोई समझौता नहीं . इस मौके पर कांग्रेस की आलोचना कर नीतीश कुमार ने कहा कि उसे भिड़ना किससे चाहिए और भिड़ किससे रही है सिद्धांत मैं नहीं कांग्रेसी बदल रहे हैं. सर्जिकल स्ट्राइक पर पहले सोनिया ने समर्थन किया, फिर मैंने. जीएसटी के पक्ष में हम यूपीए के समय से हैं. उन्होंने इसे राज्यहित में लाभकारी बताया. उन्होंने यह भी कहा कि यदि राजद अपनी रैली में बुलाएगा, तो अवश्य जाएंगे.रैली को लेकर जदयू नेताओं को बेवजह बयान देने से परहेज करने की नसीहत भी दी.नीतीश ने महागठबंधन की नकारात्मक राजनीति को खारिज कर कहा कि राजनीति ही सबकुछ नहीं है. आकलन कामकाज से होता है. यह भी देखें JDU कार्यकारिणी की बैठक आज, प्रेसिडेंट इलेक्शन पर हो सकती है चर्चा सुशील मोदी ने नीतीश को दिए समर्थन के संकेत