पटना : केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार मध्यरात्रि से ही 500 रूपए और 1000 रूपए के नोट को प्रतिबंधित किए जाने और उन्हें बैंकों में जमाकर नए नोटों से बदली करने की प्रक्रिया के नियम को लागू करने के बाद इस निर्णय का स्वागत भाजपा समेत विभिन्न दलों के नेताओं द्वारा किया जा रहा है। हालांकि कुछ नेताओं ने इसका विरोध भी किया है लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि यह सरकार की एक अच्छी पहल है। गौरतलब है कि मध्यरात्रि से ही नोटों का चलन बंद करने का निर्णय सरकार ने लागू कर दिया था। इस जानकारी के विभिन्न माध्यमों से लोगों में प्रसारित होने के बाद से ही बाजारों में लोग सक्रिय हो गए थे। लोगों द्वारा पैट्रोल पंप्स, टी स्टाॅल्स, पान काॅर्नर्स और अन्य प्रतिष्ठानों पर राशि खर्च कर नोटों के एवज में खुल्ले पैसे लिए जा रहे थे। जिसमें 100 और 50 रूपए के नोट शामिल थे। कुछ लोग तो सोने की खरीदी करने निकल गए और अपने धन को बचाने का प्रयास किया। हालांकि सरकार ने बैंक्स खुलने पर नोटों को जमा करवाने का विकल्प, नेट बैंकिंग, चैक ट्रांजिक्शन का विकल्प लोगों के लिए खुला रखा था लेकिन फौरी तौर पर बाजार में इस निर्णय के बाद हडकंप मच गया है।