पटना: बिहार में दो दशकों तक सीएम के तौर पर शासन करने वाले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अब हस्तिनापुर में बाकी का राजनीतिक जीवन गुजारने की योजना बना रहे हैं। दरअसल, विधानसभा के अपने चेंबर में मीडिया से चर्चा में बुधवार को सीएम बहुत खुले दिल से बोल रहे थे। हालांकि चर्चा बिल्कुल अनौपचारिक थी, इसलिए मीडिया ने भी उनसे कई बातें, बातों-बातों में ही पूछ डालीं। चेंबर में बैठे कई पत्रकारों ने जब चर्चा में उनसे पूछा कि इन दिनों वे बिहार के दौरे पर हैं, विशेष रूप से अपने पुराने लोकसभा क्षेत्र बाढ़ का दौरा भी कर रहे हैं। क्या ये समझा जाए कि आगामी लोकसभा चुनाव में वे अपने पुराने क्षेत्र से प्रत्याशी हो सकते हैं। वही इस पर हँसते हुए सीएम ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है तथा ये दौरा बहुत पहले से निर्धारित था। गत दो वर्षों में कोरोना के कारण उधर जा नहीं पाया। इसलिए अभी दौरा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि नालंदा से उनकी पार्टी 1996 से निरंतर जीत रही है। उन्हें वहां चुनाव लड़ने की क्या आवश्यकता है। 1996 सबसे पहले जॉर्ज फर्नाडीस को लड़वाया था। वही इस चर्चा में नीतीश ने कहा कि वो अब तक राज्यसभा के सदस्य नहीं बने हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल वे बिहार के लोगों की सेवा कर रहे हैं। यहां की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यहां प्रदेश की बागडोर हमारे हाथ में है। नीतीश कुमार की इस 'दिल की बात' के पश्चात् तमाम अनुमान लगना आरम्भ हो गए हैं। चर्चा है कि उन्हें अब बिहार की बागडोर दूसरे को सौंपकर, राज्यसभा की सदस्यता भाएगी। वैसे भी उनके राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति बनने की चर्चा जोरों पर है। शराबबंदी कानून में नीतीश सरकार ने दी ढील, किए ये बड़े बदलाव आज देशभर में चलेगा 'महंगाई मुक्त अभियान', सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस भाजपा के पूर्व MLA की प्रॉपर्टी पर चलेगा योगी का 'बुलडोजर', चुनाव से पहले थामा था SP का हाथ