नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के विरोध के बीच कुछ विपक्षी दलों ने आज पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होने वाली नीति आयोग (NITI Aayog) की बैठक का भी बहिष्कार किया है। नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इंकार कर दिया है। बता दें कि, आज पीएम मोदी नीति आयोग की संचालन परिषद की 8वीं बैठक का नेतृत्व करेंगे। आयोग की संचालन परिषद में तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीएम को शामिल होना है। लेकिन, सीएम केजरीवाल ने शनिवार को होने जा रही नीति आयोग की मीटिंग के बहिष्कार की घोषणा की है। इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखकर ये जानकारी दी है। केजरीवाल ने कहा है कि अध्यादेश लाकर कोआपरेटिव फेडरलिज्म का मजाक बनाया जा रहा है। ऐसे में नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता। दिल्ली के सीएम का कहना है कि लोगों का कहना है कि ऐसी मीटिंग में नहीं जाना चाहिए, इसलिए वे इस बैठक का बॉयकॉट कर रहे हैं। केजरीवाल ने पत्र में ये भी कहा है कि नीति आयोग का उद्देश्य भारतवर्ष का विजन तैयार करना और कोआपरेटिव फेडरलिज्म को बढ़ावा देना होता है। मगर, यहां तो सरकारों को गिराया जा रहा है, तोड़ा जा रहा है। ये भारत का न तो विजन है और न ही कोऑपरेटिव फेडरलिज्म है। वहीं, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहीं हैं, बंगाल के वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने काम की व्यस्तता को इसका कारण बताया है. उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए मुझे और मुख्य सचिव को भेजने के आग्रह को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है। वहीं, बिहार के सीएम नितीश कुमार भी नीति आयोग की बैठक में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने पूर्व निर्धारित व्यस्तताओं की वजह से बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है। बैठक का नेतृत्व पीएम मोदी करेंगे। इसमें राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल होना है। राज्य सरकार ने सीएम नितीश के बदले वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी को बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत किया है। नीति आयोग की बैठक में किन मुद्दों पर होगी चर्चा:- नीति आयोग की आयोग की मीटिंग में 8 मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा की जाएगी। ये मुद्दे हैं- विकसित भारत @ 2047, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSME) पर जोर, बुनियादी ढांचा और निवेश, अनुपालन को कम करना, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, और क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचा के लिए गति शक्ति। राहुल गांधी से तंग आया हाई कोर्ट! साल भर से इंतज़ार कर रहे 'न्यायाधीश' का सब्र टूटा, वापस ले ली राहत MP से आई दुखद खबर, कूनो नेशनल पार्क में हुई 2 और शावकों की मौत, 1 की हालत गंभीर 1 लाख नौकरियों का लक्ष्य था, असम सरकार ने अब तक 88000 दे दी, अमित शाह बांटेंगे नियुक्ति पत्र