शिमला: कोरोना वायरस के कारण पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इस से ग्रसित है. वही इससे निपटने के लिए तरह-तरह के प्रयास किये जा रहे है. परन्तु किसी कोई सफल परिणाम सामने नहीं आ पाया है. वही इस बीच हिमाचल सूचना आयोग ने COVID-19 की वजह से डॉक्टरों से जुड़ी आरटीआई की सूचना देने में देरी होने पर भी कार्रवाई नहीं की है. आयोग में यह दलील दी गई कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम में व्यस्तता से सूचना देने में यदि देरी हुई. ऐसे में आयोग ने बिना कार्रवाई सोलन रहवासी बृज कुमार के आग्रह का निपटारा कर दिया. वही इस बीच मुख्य सूचना आयुक्त के पास दायर याचना में अपीलकर्ता ने कहा, कि हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से मांगी सूचना को दिलाने में जानबूझकर देरी की गई. ऐसे में डिपार्टमेंट के जनसूचना अफसरों के विरुद्ध एक्ट के तहत कार्रवाई हो. यह जानकारी एक जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2020 के बीच डॉक्टरों के एडमिट होने को लेकर इंटरव्यू की तिथि, नियुक्ति की तिथि आदि से संबंधित मांगी थी. साथ ही जनसूचना अफसर ने इसे प्रदेश सचिवालय को फारवर्ड कर दिया. आवेदक ने कहा कि जानकारी देने में जानबूझकर देरी की. जनसूचना अधिकारी ने अपने बयान में बताया कि 84 पृष्ठों की सूचना आवेदक को दे दी है. आयोग के सामने COVID-19 की रोकथाम में व्यस्तता की वजह से डिपार्टमेंट की तरफ से सूचना नहीं दिला पाने की भी बात की गई. आयोग ने माना कि देरी की वजह यह रही है. इसी के साथ अपील का निपटारा कर दिया गया. वही इस बीच देश में कोरोना के मामलों में निरंतर इजाफा हो रहा है. आवश्यक है की हम अपनी सुरक्षा स्वयं करे. आगरा में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, 1,800 के पार पंहुचा संक्रमितों का आंकड़ा गर्भवती महिला को एडमिट करने से पहले की कोरोना जांच की जिद, हुआ ये हाल दिल्ली में आधी हुई कोरोना की रफ़्तार, डॉक्टरों ने जताई ख़ुशी