नई दिल्ली : यह कैसी विडंबना है कि केंद्र सरकार एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की लगातार कोशिश कर रही है , लेकिन उसे कोई खरीदार नहीं मिल रहा है , जबकि अब बोली लगाने का आज अंतिम दिन है .सरकार ने रूचि पत्र जमा करने की तारीख बढ़ाने से भी इंकार कर दिया है. ऐसे में एयर इण्डिया का हिस्सा कैसे बिकेगा यह बड़ा सवाल है. इस बारे में विमानन सचिव आरएन चौबे ने बुधवार को बताया कि कोई बोली न लगने के बावजूद एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट यानी रुचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि (31 मई) को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा,क्योंकि इसे एक बार पहले भी आगे बढ़ाया जा चुका है.पहले रुचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 14 मई थी, उसे बढ़ाकर ही 31 मई किया गया था. उल्लेखनीय है कि 50 हजार करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ से दबे घाटे में चल रहे एयर इण्डिया एयर लाइंस की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी को केंद्र सरकार बेचना चाहता है.जून 2017 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने इसके विनिवेश की मंजूरी दी थी. 5 हिस्सों में बंटे एयर इण्डिया के 4 हिस्सों को बेचा जाएगा.जिनमें पहला एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआई एसएटएस , दूसरा ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट, तीसरा इंजीनियरिंग यूनिट और चौथा हिस्सा अलायंस एयर है.जबकि पांचवे हिस्से एसवीपी को सरकार अपने पास रखेगी.76 फीसदी इक्विटी शेयर बेचने के साथ ही प्रबंधन नियंत्रण भी स्थानांतरित करना चाहती है. यह भी देखें एयर होस्टेस से छेड़खानी: बीजेपी विधायक के बेटो का गिरफ्तारी वारंट जारी जेट एयरवेज भी एयर इंडिया को खरीदने को इच्छुक