क्रूज डग्स के केस में आर्यन खान और उनके दो साथियों की जमानत मंजूर करने के उपरांत बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनिवार को वृस्तृत निर्णय की कॉपी भी जारी कर दी है। इसमें अदालत ने बोला है कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के विरुद्ध ऐसा कोई सबूत हाथ नहीं लग पाया है जिससे यह साबित हो सके कि उन्होंने ड्रग्स से संबंधित कोई अपराध करने की साजिश की थी। हम बता दें कि जस्टिस एन डब्ल्यू संब्रे की एकल पीठ ने 28 अक्टूबर को आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत स्वीकार कर ली थी। अदालत ने यह भी कहा कि आर्यन के फोन से जो Whatsapp चैट सामने आए हैं उनमें ऐसी कोई भी आपत्तिजनक बात का अब तक पता नहीं चला है जिससे यह पता चले कि उन तीनों ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कोई अपराध को अंजाम दिया है। आदेश में यह भी बोला गया है कि NDPS अधिनियम की धारा 67 के तहत NCB द्वारा दर्ज आर्यन खान के इकबालिया बयान का प्रयोग केवल केस की कार्रवाई के लिए किया जा सकता है, न कि यह अनुमान लगाने या साबित करने के लिए कि अभियुक्तों ने NDPS अधिनियम के अंतर्गत अपराध किया है। NCB द्वारा सभी आरोपियों के केस पर एक साथ विचार किए जाने के तर्क को खारिज करते हुए अदालत ने बोला है कि हमारे सामने ऑन रिकॉर्ड शायद ही कोई सबूत है जिससे यह समझ आए कि तीनों आरोपी समान इरादे के साथ एक गैरकानूनी कार्य करने के लिए तैयार थे। इसके साथ ही अदालत ने आदेश में यह भी बोला है कि तीनों आरोपी पहले ही लगभग 25 दिनों तक जेल में रह चुके हैं। इस बीच अभियोजन पक्ष ने उनका मेडिकल परीक्षण भी नहीं करवाया जिससे यह पता चल सके कि उन्होंने ड्रग्स का सेवन नहीं किया था। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने शनिवार को बोला है कि आर्यन खान की जमानत याचिका पर बम्बई उच्च न्यायालय के विस्तृत आदेश ने उनके इस दावे की पुष्टि की कि खान और अन्य के निर्णय मादक पदार्थ का केस फर्जी था। मलिक ने बोला कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को अदालत के निष्कर्षों के उपरांत निलंबित कर दिया जाना चाहिए। हेमा मालिनी-प्रसून जोशी को IFFI में सम्मान, मिलेगा ये पुरस्कार बड़ी खबर! इस मशहूर अभिनेत्री की बिल्डिंग में अचानक लगी आग, जलकर हुई खाक हिंदी ही नहीं कई भाषाओँ की फिल्मों में काम कर चुकी है आरती छाबड़िया