नई दिल्ली: जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन (Philip Ackermann) ने एक इंटरव्यू में भारत चीन सीमा विवाद को लेकर बेहद अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प चिंता का विषय है और वहां अंतरराष्ट्रीय सरहदों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। फिलिप एकरमैन ने यह भी कहा है कि भारत और जर्मनी दोनों देश रूस और चीन के मुद्दों को लेकर एक-दूसरे से संपर्क में हैं। यूरोपीय यूनियन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए फिलिप एकरमैन ने कहा कि, 'हम यह चाहते हैं कि यह समझौता हो। FTA के चलते भारत से हमारे व्यापारिक रिश्ते में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलेगा।' जर्मन राजदूत ने आगे कहा कि जर्मनी चीन पर काफी अधिक निर्भर है। हमें बाकी देशों के साथ भी व्यापार बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि भारत हमारी प्राथमिकता में उतना नहीं है, जितना होना चाहिए। जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने स्पष्ट करते हुए कहा कि विकास, आबादी और अन्य पहलुओं के लिहाज से देखा जाए, तो भारत के अतिरिक्त दुनिया में कोई दूसरा देश नहीं है, जो चीन का मुकाबला कर सके। उन्होंने कहा कि कारोबार की बात आती है तो लोग अभी भी मलेशिया या वियतनाम की तरफ देखते हैं। मुझे समझ में नहीं आता है कि वे ऐसा क्यों करते हैं? शायद इसका एक कारण भारत में संरक्षणवादी माहौल का होना और नियामक से संबंधित कुछ समस्याएं हैं। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की 'सुपर CM' सौम्या चौरसिया को भेजा जेल, करोड़ों के घोटाले का मामला 'किसान सम्मान निधि बढ़ाई जाए..', दिल्ली में महारैली कर सरकार से मांग करेगा RSS पंजाब से ISI का जासूस त्रिपेंद्र सिंह गिरफ्तार, आतंकी संगठनों से भी जुड़ रहे तार