नई दिल्ली : सोने के पुराने जेवर बेचने पर जीएसटी लगने को लेकर जारी संशय पर सरकार ने गुरुवार को फिर स्पष्टीकरण जारी कर खुलासा कर दिया कि इस पर जीएसटी नहीं लगेगा. इसी तरह कोई व्यक्ति अपनी पुरानी कार बिजनेस करने वाली कंपनी को बेचता है तो कंपनी को रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म (आरसीएम) में टैक्स नहीं देना पड़ेगा. बता दें कि वित्त मंत्रालय द्वारा जो बयान जारी किया गया है उसके मुताबिक कोई व्यक्ति ज्वैलर को पुराने गहने बेचता है, तो ज्वैलर को रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म (आरसीएम) के तहत उस पर टैक्स नहीं देना है. इसी तरह कोई व्यक्ति अपनी पुरानी कार को बिजनेस करने वाली कंपनी को बेचता है तो कंपनी को आरसीएम में टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इसके लिए वित्त मंत्रालय ने बुधवार को राजस्व सचिव हसमुख अढिया की ‘जीएसटी की मास्टर क्लास’ का हवाला देकर कहा कि जब कोई ज्वैलर किसी उपभोक्ता से पुराने आभूषण खरीदेगा तो उस पर सीजीएसटी कानून 2017 की धारा 9(4) के तहत आरसीएम में 3% जीएसटी लगेगा. उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने कहा कि इसके साथ ही कानून की धारा 2(105) को भी पढ़ा जाना चाहिए, जिसमें वस्तु या सेवा के आपूर्तिकर्ता (सप्लायर) व्यक्ति को स्पष्ट किया गया है.इस धारा के अनुसार किसी व्यक्ति ने पुराना सोना बेचा तो इसे उसका कारोबार नहीं माना जा सकता अत: उस व्यक्ति को आपूर्तिकर्ता नहीं कह सकते. इसलिए इस मामले में सीजीएसटी कानून की धारा 9(4) का प्रावधान लागू नहीं होगा और ज्वैलर आरसीएम के तहत कर का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. यह भी देखें पुराने नोटों की गिनती अभी भी जारी है : उर्जित पटेल SBI ने ऑनलाइन बैकिंग को 15 जुलाई से 75 फीसदी सस्ता किया