पटनाः कोविड से बचाव के लिए दो गज की दूरी और मास्क आवश्यक है। गवर्नमेंट भी जिसको लेकर निरंतर प्रचार-प्रसार कर रही है ताकि कोविड वायरस को फैलने से रोका जा सके। हालांकि, कई स्थानों पर लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे। हद तो यह देखिए कि जहां कोविड की जांच हो रही है, वहां भी दो गज की दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे लोग: दरअसल, गाइडलाइन और नियमों का शहर में कितना पालन किया जा रहा है, जिसको देखने के लिए जब मीडिया की टीम पटना की सड़कों पर निकली तो कई कमियां दिखाई दी। बस में लोगों ने मास्क तो पहना था, लेकिन नियम के मुताबिक यात्रियों को नहीं बैठाया जा रहा था। लोकल बसों में हर सीट पर यात्रियों को बैठाया गया था। ऑटो में भी कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिला है। हालांकि, दूसरे जिलों को जानी वाली बसों में थोड़ी भीड़ कम रही। गार्डिनर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही: जाना इस बात का पता चला है कि बसों और ऑटो के देखने के उपरांत जब पटना के गार्डिनर हॉस्पिटल टीम पहुंची तो यहां का दृश्य डराने वाला था। यहां कोविड की कार्रवाई कराने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे थे। इस बीच दो गज की दूरी के पालन में साफ लापरवाही दिखाई दी। यहां हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से लोगों को लाइन में लगाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया था। तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज: गौरतलब है कि बिहार में कोविड बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है। बीते एक हफ्ते के आंकड़े को देखें तो महज 7 दिनों में राज्य में कोविड के केसों में 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है। एक सप्ताह मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी ने स्वास्थ्य अमंत्रलय के अधिकारियों और बिहार गवर्नमेंट की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं, आम लोगों में भी दहशत का माहौल है। इसी क्रम में मंगलवार को बिहार के एक आईएएस अफसर की कोविड से मौत की खबर है। पंचायती राज्य मंत्रालय में पदस्थापित विनय रंजन पटना ऐम्स में भर्ती थे। इधर, बिहार विधानमंडल के 29 अधिकारी और कर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, इसके उपरांत विधान परिषद को 18 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। अखिलेश का भाजपा सरकार से सवाल, बोले- लोगों के जीवन से खिलवाड़ क्यों किया ? पीएम मोदी समेत रक्षा मंत्री ने भीमराव अंबेडकर को 130वीं जयंती पर किया नमन हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह हुए कोरोना संक्रमित, अस्पताल में भर्ती