नईदिल्ली। भारत में सरोगेसी मदरहुड अभी भी एक पहेली बना हुआ है तो दूसरी ओर चाइल्ड अडाॅप्शन को लेकर लोगों में दिलचस्पी कम हो रही है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र को घरेलू अडाॅप्शन को लेकर सबसे प्रथम माना जा रहा है। मध्यप्रदेश का स्थान 4 था है। इतना ही नहीं कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु भी चाइल्ड अडाॅप्शन के मामले में काफी आगे थे मगर अब यहां पर भी चाइल्ड अडाॅप्शन में दिलचस्पी कम ही नज़र आ रही है। अरूणाचल प्रदेश इस मामले में काफी पीछे है। वर्ष 2013 और 2014 से 2014 - 2015 तक केवल 6 बच्चों को गोद ले लिया गया। दरअसल सेंट्रल एजेंसी, सेंट्रल अडाॅप्शन रिसोर्स अथाॅरिटी से जारी किए गए आंकड़ों के तहत अप्रैल से जून के मध्य भारतीय अभिभावकों ने 800 बच्चों को गोद लिया। मध्यप्रदेश इस मामले में कुछ संतोषजनक हालात में है। जून के आंकड़े देखें तो 50 बच्चों को गोद लिया गया। कर्नाटक में 44 बच्चों को गोद लिया गया। इतना ही नहीं इन राज्यों में चाइल्ड अडाॅप्शन के प्रयास चल रहे हैं।