ना कथा-ना दरबार..! फिर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री क्यों पहुंचे बिहार ?

पटना: बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बिहार के बोधगया पहुंचे हैं। वे बनारस के रास्ते होते हुए रात 12:00 बजे वहां पहुंचे और एक होटल में दो दिनों तक रुकेंगे। इस दौरान, वे अपने 200 अनुयायियों के साथ चर्चा करेंगे और पिंडदान की प्रक्रिया भी अपने अधीनस्थ में कराएंगे। बागेश्वर बाबा की एक झलक पाने के लिए लोगों का जमावड़ा होटल के बाहर देर रात तक लगा रहा।

आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का बोधगया में कार्यक्रम 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक निर्धारित था, लेकिन वे कुछ कारणों से 27 सितंबर की देर रात पहुंचे। हालांकि, उन्होंने केवल एक या दो दिन बोधगया में रहने का निर्णय लिया है। इस बीच, वे गया के विष्णुपद मंदिर में पूजा और दर्शन के लिए भी जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पितृपक्ष मेला चल रहा है, जिसके कारण प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी है। इसलिए, वे सभी भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए होटल में एक या दो दिन ठहरेंगे और बाद में कथा और दिव्य दरबार का आयोजन करेंगे।

बोधगया के निवासियों को जैसे ही आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के आने की खबर मिली, वे उनकी कथा सुनने और दरबार का इंतजार करने के लिए उत्सुक हो गए। आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने पहुंचते ही भक्तों को यह जानकारी दी कि पितृपक्ष के चलते दरबार लगाने की अनुमति अभी नहीं दी गई है। उनकी बातें सुनकर वहां मौजूद लोग बेहद उत्साहित हो गए। बागेश्वर बाबा ने कहा, "जब हम बिहार आते हैं, तो हमारे दिल में बहार आ जाती है। हमारा मन गदगद हो जाता है। हम बिहार से बहुत प्रेम करते हैं और बिहार की चर्चा ऑस्ट्रेलिया में भी करते हैं।" उनकी इस भावनात्मक बातों ने वहां मौजूद भक्तों को और भी उत्साहित कर दिया।

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