कई कठोर फैसले लेने के बाद सरकार ने कारोबारियों को राहत दिया है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) दाखिल करने में देरी होने पर लगने वाले शुल्क को सरकार ने माफ कर दिया है। पूर्वानियम के अनुसार, व्यवसायियों को जुलाई के लिए पहला जीएसटी रिटर्न दाखिल कर टैक्स का भुगतान 25 अगस्त तक करना था। बिक्री कारोबार के लिए अंतिम तारीख 5 सितंबर और खरीद के लिए 10 सितंबर रखी गई थी। जिसके पहले ही मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया फाइल नहीं कर पाने वाले सभी टैक्सपेयर्स के लिए लेट फाइन हटा दिया गया है। लेकिन बकाया के देरी से भुगतान पर लगने वाले ब्याज को नहीं हटाया गया है। दरअसल कारोबारी इकाइयों को प्रारंभिक फॉर्म की गलतियों को सुधारने का मौका देते हुए 5 सितंबर तक अंतिम रिटर्न दाखिल करने को कहा गया है। जीएसटी के नियमानुसार, देरी से भुगतान होने पर 18 प्रतिशत की दर से ब्याज का प्रावधान है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड का कहना है कि अंतिम तारीख तक भुगतान नहीं किए जाने पर 26 अगस्त से लेकर भुगतान करने के दिन तक का ब्याज चुकाना होगा। जीएसटी अधिनियम के अनुसार देरी से भुगतान करने पर प्रतिदिन 100 रुपए शुल्क लगता है। राज्य जीएसटी के लिए भी ऐसा ही प्रावधान है।