न लाइट, न रनवे.., अँधेरे में नाइट विजन चश्मा लगाकर उतरा IAF का विमान, सूडान से भारतीयों को लाया वापस

नई दिल्ली: हिंसा की आग में जल रहे अफ्रीकी देश सूडान में फँसे भारतीयों को स्वदेश लाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार सभी भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। इंडियन एयरफोर्स ने सूडान के एक छोटी से एयर पट्टी से 121 भारतीयों को रेस्क्यू किया है। इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है।

 

इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने 27 और 28 अप्रैल की दरम्यानी रात सूडान में खार्तूम से करीब 40 किमी उत्तर में वाडी सैय्यदना की एक छोटी-सी टूटी-फूटी हवाई पट्टी से भारतीय लोगों को सुरक्षित निकाला है। इन यात्रियों के पास पोर्ट सूडान तक पहुँचने के लिए कोई जरिया नहीं था। इसलिए IAF ने इस साहसिक अभियान को अंजाम दिया है। Indian Defence Attaché (IDA) की अगुवाई में भारतीय वायुसेना का एक काफिला हवाई पट्टी पर पहुँचा, हवाई पट्टी उबड़-खाबड़ थी। वहाँ ना ही कोई नेविगेशनल एप्रोच ऐड था और ना फ्यूल और लैंडिंग लाइट थे। ये लैंडिंग लाइट रात में एक प्लेन की लैंडिंग को निर्देशित करने के लिए बेहद जरूरी होता है।

इस अभियान में IAF ने C-130J का उपयोग किया और ग्रुप कैप्टन रवि नंदा इसके कप्तान थे। रनवे पर किसी किस्म की बाधा ना हो, इसको देखने के लिए C-130J विमान के चालक दल ने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड सेंसर का उपयोग किया। अंधेरे से निपटने के लिए नाइट विजन गॉगल्स (NVG) का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद एयरक्रू ने सामरिक दृष्टिकोण अपनाते हुए अंधेरे के लिए नाइट विजन गॉगल्स (NVG) का इस्तेमाल किया और प्लेन की लैंडिंग कराई। इस दौरान प्लेन का इंजन चलता रहा। वहीं, IAF के 8 गरुड़ कमांडो ने यात्रियों और उनके सामान को विमान में रखा और इसी तकनीक की मदद से उड़ान भरी।

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