मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि भारत में कोई भी मुसलमान औरंगजेब का वंशज नहीं है तथा मुगल बादशाह को अपना नेता नहीं मानते। उन्होंने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन अगाड़ी के चीफ प्रकाश अंबेडकर पर भी हमला बोला तथा शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से पूछा कि क्या उन्होंने उनके कृत्य को मंजूरी दी है। वही इस वर्ष के आरम्भ में ठाकरे एवं अंबेडकर ने गठबंधन किया था। महाराष्ट्र के कई जिलों में हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट पर औरंगजेब की महिमा करने के पश्चात् हुए विरोध को देखते हुए शनिवार को अंबेडकर औरंगजेब की कब्र पर गए थे। अकोला में फडणवीस ने मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "अकोला, संभाजीनगर एवं कोल्हापुर में जो हुआ वह एक संयोग नहीं था, बल्कि यह एक प्रयोग था। प्रदेश में औरंगज़ेब के इतने हमदर्द कैसे आए?" उन्होंने कहा, "औरंगज़ेब हमारा नेता कैसे हो सकता है? हमारा राजा सिर्फ एक है तथा वह छत्रपति शिवाजी महाराज हैं। भारत में मुसलमान, यहां तक कि वे भी औरंगज़ेब के वंशज नहीं हैं। मुझे बताओ कि औरंगज़ेब के वंशज कौन हैं? औरंगज़ेब और उनके पूर्वज कहां से आए थे? इस देश में राष्ट्रवादी मुसलमान उनका समर्थन नहीं करते हैं तथा वे सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना नेता मानते हैं।" औरंगजेब की मजार पर जाने को लेकर अंबेडकर पर हमला बोलते हुए फडणवीस ने उनसे पूछा कि ऐसा करने की क्या आवश्यकता थी। उन्होंने पूछा, "अंबेडकर कहते हैं कि औरंगजेब ने हमारे देश पर लंबे वक़्त तक शासन किया। इसलिए हिटलर ने भी जर्मनी पर शासन किया। बहुत से लोग हिटलर को भगवान की भांति पूजते थे। आपसे यह आशा नहीं थी। उद्धव ठाकरे ने अंबेडकर के साथ गठबंधन किया है तो क्या आप अंबेडकर के इस कार्य को स्वीकार करेंगे?" इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शांति भंग करने का प्रयास करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने पूछा कि प्रदेश में औरंगजेब के वंशजों को कौन पैदा कर रहा है। ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने सहयोगी कांग्रेस एवं NCP से स्क्रिप्ट राइटर्स को उधार लिया है क्योंकि उनके लिए भाषण लिखने के लिए उनके गुट में कोई नहीं बचा है। उन्होंने कहा, "जब ठाकरे ने बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपा तथा महा विकास अघाड़ी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-राकांपा से हाथ मिलाया तो मैंने कहा था कि मैं वापस आऊंगा। मैं न सिर्फ सत्ता में लौटा, बल्कि एकनाथ शिंदे को अपने साथ सीएम के तौर पर लाया।" फडणवीस ने कहा कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने एक बार कहा था कि कांग्रेस एवं राकांपा से हाथ मिलाने की जगह वह अपनी पार्टी को बंद कर देंगे। किन्तु उद्धव जी ने अपनी विचारधारा को किनारे रखा तथा प्रधानमंत्री मोदी एवं अमित शाह के खिलाफ ओछी बातें कीं। बिहार में 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन्हीं नेताओं की 2019 में ली गई एक तस्वीर में 52 नेता थे, किन्तु मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सिर्फ 48 सीट ही जीत सकी। उद्धव ठाकरे को नारायण राणे ने क्यों दी मछली खाने की सलाह ? 'राउत को लगता था MVA गठबंधन 25 साल तक चलेगा..', अजित पवार का पलटवार राहुल गांधी प्रधानमंत्री? इस संबंध में क्या है दिग्गजों की राय