जस्टिस चेलामेश्वर ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा कि अपने खिलाफ दायर मुकदमे में कोई भी खुद जज नहीं हो यह कानून हाल के कुछ महीनों में शायद बदल गया है. कांग्रेस समेत 7 राजनीतिक पार्टियां चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग का प्रस्ताव लेकर आई थीं, जिसे राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया था. ऐसे में कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस चेलमेश्वर के पास पहुंचे हैं. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की मंजूरी के लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है. जस्टिस जे चेलमेश्वर की अदालत में सोमवार को यह याचिका दाखिल की गई. जस्टिस चेलमेश्वर ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि मामले को सुना जाए या नहीं, इस पर कोर्ट मंगलवार को विचार करेगा. चीफ जस्टिस के खिलाफ जस्टिस चेलमेश्वर ने ही मोर्चा खोला था. ऐसे में अब ये मामला खासा दिलचस्प हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल ने कहा, ''जब याचिका खुद मास्टर ऑफ रोस्टर के खिलाफ हो तो वो ये तय नहीं कर सकते कि इस मामले को कैसे और कौन सी बेंच सुनेगी. इस देश में कानून ये है कि कोई भी अपने ही गलतियों का जज नहीं हो सकता है." जस्टिस चेलामेश्वर ने कपिल सिब्बल को जवाब देते हुए कहा, ''जिस कानून की बात कर रहे हैं उसमें हाल के महीनों में काफी बदलाव आए हैं.' चीफ जस्टिस के खिलाफ सबसे पहले जस्टिस चेलमेश्वर ने आवाज़ बुलंद की थी अब उनकी अदालत में ही ये मामला होने से मामला पेंचीदा हो गया है. माहभियोग प्रस्ताव को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस उपराष्ट्रपति का कदम गैर क़ानूनी-सिब्बल राम मंदिर निर्माण को रोकना कांग्रेस का मकसद- वसीम रिजवी