मद्रास हाई कोर्ट की राज्य सरकार को हिदायत, कहा- स्कूल बैग और किताबों पर नहीं छापी जाएं...

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किसी भी राजनेता के व्यक्तिगत लाभों के लिए फोटोज को छापने के लिए नहीं किया जा सकता है। विशेष तौर पर पाठ्य पुस्तकों, बैग तथा अन्य शैक्षिक सामग्री पर। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस प्रकार की परम्परा जारी न रहे।

वही चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी तथा जस्टिस पीडी ऑडिकेसवालु की प्रथम पीठ ने ओवेयम रंजन द्वारा दर्ज एक जनहित याचिका पर यह टिप्पणी की। याचिकाकर्ता ने प्रदेश सरकार को पाठ्य पुस्तकों तथा अन्य स्टेशनरी सामग्री जैसे क्रेयॉन, रंगीन पेंसिल तथा स्कूल बैग के अप्रयुक्त स्टॉक का इस्तेमाल करने के लिए आदेश देने की मांग की, जिसमें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों की फोटोज थीं।

वही अदालत ने कहा कि बचा हुआ स्टॉक समाप्त होने तक इनका इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पहले से खर्च किए गए धन को नष्ट न किया जाए। अदालत ने कहा कि प्रदेश की तरफ से यह भी बताया गया है कि सीएम नहीं चाहते कि भविष्य में ऐसी सामग्री में उनकी फोटोज प्रकाशित हों। राज्य सरकार को निर्देश देने के अतिरिक्त और कोई आदेश देने की जरुरत नहीं है कि यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत सावधानी बरती जानी चाहिए कि होर्डिंग्स और अन्य सामग्री समेत राजनीतिक नेताओं के प्रचार लक्ष्यों के लिए सार्वजनिक धन खर्च नहीं किया जाता है।

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