नई दिल्ली. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने डीआरडीओ को संबोधित करते हुए कहा कि देश के ऊपर भले ही परमाणु, रासायनिक या जैविक खतरा न हो, किन्तु देश को अचानक आने वाली इन समस्याओं से निपटारे के लिए तैयार रहना चाहिए. अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रो में रासायनिक हमलो के बारे में बताते हुए पर्रिकर कहते है कि यह जानकारी लोगों के सामने आई है, कुछ लोगों के शरीर पर फफोले है, जिसका कारण रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल है, किन्तु पुख्ता तौर पर अभी कुछ कहना संभव नहीं है. आतंकवादी संगठन आईएस अधिक से अधिक लोगों को आहत पहुचानेके लिए ब्रिटेन में रासायनिक हमले की साजिश रच रहा है. इस मामले में ब्रिटेन के सुरक्षा प्रभारी मंत्री बेन वालेस ने बताया कि आईएस ने सीरिया और इराक में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा खुफिया प्रमुखों का मानना है कि आईएस ब्रिटेन में इनका इस्तेमाल करना चाहता है. रासायनिक हमले का अर्थ है, जहरीली गैसों और ठोस प्रदार्थो को जान बुझ कर छोड़ना है, जिससे वातावरण और पर्यावरण विषैला हो जाता है. इससे लोगों कि आँखों में पानी भर आना, जलन की शिकायत होती है, साथ ही साँस लेने में भी तकलीफ होती है. इस हमले से बचने के उपाय यह है कि रसायन जिस जगह से आ रहा है, उस क्षेत्र से बाहर आ जाए. ये भी पढ़े हाफिज सईद की नजरबंदी पाकिस्तान की 'दिखायी गयी बुद्धिमानी' - मनोहर पर्रिकर चुनाव आयोग ने रक्षा मंत्री को दी वार्निंग भारत अपनी सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध