उज्जैन। शहर में गर्मी का प्रकोप अब और गहराने लगा है तो वहीं दूसरी ओर नदी तट पर भी किसी तरह की सुरक्षा नहीं होने शिप्रा स्नान करने वाले लोगों की जान को खतरा बना हुआ है। गौरतलब है कि बीते दो दिन पहले ही बालाघाट से उज्जैन आए एक युवक की मौत शिप्रा नदी में डुबने के कारण हो गई है। बावजूद इसके नगर निगम या जिला प्रशासन की तरफ से तैराकों की ड्यूटी नहीं लगाना आश्चर्य ही है और न ही घाटांे पर रैलिंग लगाने का ही प्रयास शुरू किया जा सका है। गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही शिप्रा में स्नान करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है तो वहीं बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों के भी आने का सिलसिला शहर में जारी रहता है। शिप्रा में निजी तौर संस्थाओं के तैराक तो घाटों पर घूमते हुए नजर रखते है, लेकिन नगर निगम या स्थानीय प्रशासन की तरफ से तैराकों की ड्यूटी बिल्कुल भी नहीं है, लिहाजा डुबने की घटनाओं में बढ़ोतरी हो गई है। इसके अलावा घाटों आदि पर रैलिंग की भी कमी होने से नदी तट पर आने वाले लोगों की जान असुरक्षित है। नवरात्रि दर्शन विक्रमादित्य के युग का है सती दरवाजा