माता-पिता में नहीं थे लक्षण, लेकिन तीन माह की बच्ची ने कोरोना से तोड़ा दम

जबलपुर: माता-पिता व भाई-बहन पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. लेकिन इसके बावजूद 3 माह की मासूम सारा अंसारी को कोरोना वायरस ने कब घेर लिया इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जुट गई है. एहतियात के तौर पर मृत बच्ची के माता-पिता व दो बहनों को सुखसागर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है, जहां से थ्रोट स्वाब के सैंपल जांच के लिए एनआईआरटीएच भेजे जा रहे हैं.

 दरअसल मृत बालिका के पिता का नाम अकील अहमद अंसारी (40), मां समीम अंसारी (32), बहन सबा अंजुम (10) और सना अंजुम, इनमें अब तक कोरोना के कोई लक्षण सामने नहीं आए हैं. मेडिकल में भर्ती कराने से पूर्व स्वजन सारा को एल्गिन अस्पताल ले गए थे, जहां से उसे जिला अस्पताल विक्टोरिया रेफर कर दिया गया था. विक्टोरिया के डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा था. इधर, हैरानी की बात तो यह है कि कोरोना के मरीज के अंतिम संस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा. मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर की सहायता से सूपाताल कब्रिस्तान में शव को सुपुर्दे खाक किया गया. इस बारें में आशीष ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों को शव के अंतिम संस्कार की जानकारी दी गई थी बावजूद इसके कोई नहीं पहुंचा.

बता दें की मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि मासूम की मौत की खबर से बदहवाश हुई मां समीम अंसारी शव को छाती से चिपकाए रोती रही. शव को लेकर वह इधर-उधर घूमती रही जिसके वजह से उसके संपर्क में आए तथा बच्ची का उपचार करने वाले डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ को होम क्वारंटाइन में रखने के निर्देश दे दिए गए. पतासाजी में अब तक यह जानकारी सामने आई है कि हनुमानताल क्षेत्र में कोरोना का खतरा बढ़ने के बाद भी सारा के पिता उसे गोद में लिए घर के बाहर घूमते रहते थे. इस दौरान वे क्षेत्र के कुछ लोगों के संपर्क में आए थे. उन्होंने भी सारा को गोद में लेकर लाड़-दुलार किया था. सारा के माता-पिता व बहनों समेत क्षेत्र के 11 लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन कराया गया है.

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