देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में कमीशनखोरी पर खुलकर वार्ता की। उन्होंने कहा- मैं सीएम रहा हूं तथा शायद मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए। मगर मुझे ये स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है कि जब हम यूपी से अलग हुए थे, तो वहां सार्वजनिक कामों के लिए 20 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता था। आगे रावत ने कहा- अलग प्रदेश होने के पश्चात्, कमीशन समाप्त हो जाना चाहिए था। मगर यह अभ्यास जारी रहा। हमने 20 प्रतिशत कमीशन के साथ का आरम्भ किया। बता दें कि उत्तराखंड सन 2000 में यूपी से अलग होकर प्रदेश बना था। पौड़ी से भाजपा सांसद रावत ने कहा कि मुझे बताया गया है कि कमीशन दिए बिना यहां (उत्तराखंड) में कुछ भी काम नहीं कराया जा सकता है। यूपी में कमीशनखोरी एक प्रथा थी, मगर दुर्भाग्य से ये उत्तराखंड में भी जारी रही। हालांकि, तीरथ सिंह रावत ने कहा कि इसके लिए किसी एक को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। यह मानसिकता है। उन्होंने बोला कि उत्तराखंड से कमीशनखोरी तभी समाप्त होगी, जब हम प्रदेश को अपने परिवार की भांति देखना आरम्भ कर देंगे। तीरथ सिंह रावत मार्च 2021 से जुलाई 2021 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, उन्होंने मुख्यमंत्री रहते महिलाओं के रिप्ड जींस पहनने को लेकर टिप्पणी की थी। तत्पश्चात, उनकी जमकर आलोचना भी हुई थी। रावत ने पीएम नरेंद्र मोदी को प्रभु श्री राम एवं कृष्ण का अवतार भी बताया था। 'जितेंद्र आव्हाड अपना इस्तीफा वापस लें', बचाव में उतरे ये नेता 'नितिन गडकरी जब मंत्री हैं तो कोई चिंता नहीं है', तेजस्वी यादव ने बांधे BJP नेता की तारीफों के पुल जेल मंत्री को जेल में VVIP ट्रीटमेंट, सत्येंद्र जैन मामले में तिहाड़ के सुपरिटेंडेंट निलंबित