नई दिल्ली : भारतीय मूल के मशहूर ब्रिटिश लेख़क सर वी.एस.नायपॉल का रविवार को 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. सर वी.एस.नायपॉल के परिजनों ने उनकी मृत्यु की जानकारी दी हैं. वह नोबेल पुरस्कार से पुरुस्कृत थे. उनका पूरा नाम विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल था. नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और एनसीपी के नेता दहल की भारत यात्रा तय वी.एस.नायपॉल की पत्नी ने कहा कि ”उन्‍होंने जो कुछ भी हासिल किया वह ज्यादा है. उन्‍होंने उस जीवन को जिया जो रचनात्‍मकता और प्रयासों से ओतप्रोत था.वह जिनसे प्‍यार करते थे, उन्ही के बीच शरीर त्याग कर गए हैं.” साल 1990 में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें नाइट की उपाधि से नवाजा था. साहित्य के लिए उन्हें 2001 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. नायपॉल को इंग्‍लैंड में पढ़ने के लिए 1950 में स्‍कॉलरशिप मिली और वह ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. नासा ने एक दिन के लिए टाला अपना सोलर स्पेस मिशन उन्होंने A Bend in the River” और ”A House for Mr Biswas” जैसे फेमस उपन्यास लिखे. नायपॉल का जन्म 17 अगस्त 1932 को त्रिनिडाड में हुआ हुआ था. बाद में वह लंदन चले गए थे. न्होंने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. 'द मिस्टिक मैसर' उनका पहला उपन्यास था. जोकि साल 1951 में प्रकाशित हुआ था. इसके अलावा ब्रिटिश लेखक पैट्रिक फ्रेंच ने उनके ऊपर उनकी बायोग्राफी 'द वर्ल्ड इज वॉट इट इज : द ऑथोराइज्ड बायोग्राफी ऑफ वी.एस.नायपॉल' लिखी है. खबरे और भी... पाकिस्तान की सेना को अमेरिका का बड़ा झटका