नई दिल्ली : वर्ष 1993-95 में नोएडा के चर्चित जमीन आवंटन घोटाले में उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी तो माना लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट से मिली तीन साल की सजा को घटाकर दो साल कर दिया है. बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नीरा यादव को दोषी तो माना लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से मिली तीन साल की सजा को घटाकर दो साल कर दिया. नीरा यादव लगभग 16 महीने जेल में बिता चुकी हैं. इसलिए उन्हें अभी लगभग आठ महीने और जेल में रहना होगा. उधर जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आर भानुमति की एक पीठ ने इसी मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी राजीव कुमार को भी दोषी माना. कोर्ट ने उन्हें मिली तीन साल कैद की सजा को भी घटाकर दो साल कर दिया. गौरतलब है कि नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रहते 1994-95 में अपनी बेटियों और डिप्टी सीईओ राजीव कुमार को प्लॉट आवंटित किए थे. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आईएएस अधिकारी नीरा ने नोएडा में सीईओ रहते हुए नियमों का उल्लंघन कर महत्वपूर्ण जमीन को एक उद्योगपति को आवंटित कर दिया था. सीबीआई के अनुसार नीरा ने इस ज़मीन का गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तय जमीन का उपयोग बदलने के लिए आईएएस अधिकारी राजीव कुमार के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची थी. यह भी देखें सुप्रीम कोर्ट ने निजता की सुरक्षा को हारी हुई बाज़ी बताया UPSC प्रिलिम्स एक्जाम के मामले में दखल देने पर सुप्रीम कोर्ट ने खींचे हाथ