अलीगढ़। रमजान माह में गैर मुस्लिम छात्रों के लिए विशेष फरमान जारी हुआ है। यह फरमान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जारी हुआ है। फरमान के अनुसार वर्ष 1920 से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया गया है। जी हां, इसमें यह सूचना जारी की गई है जिसमें यह कहा गया है कि गैर मुस्लिम विद्यार्थियों को उनकी मांग पर ही भोजन मिल पाएगा। सोशल मीडिया पर विद्यार्थियों ने मांग की थी कि विश्वविद्यालय में भोजन केवल सुबह और शाम को ही मिलता है। ऐसे में उन्हें परेशानी होती है। हिंदू विद्यार्थियों ने सोशल मीडिया में मांग की थी। इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय से शिकायत की थी। इतना ही नहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 19 आवासीय हाॅल में रहने वाले करीब 28 हजार विद्यार्थियों के लिए व्यवस्था की जा रही है। गौरतलब है कि रमजान माह में सेहरी और इफ्तार पर ही भोजन मिलता था ले किन अब जब विद्यार्थियों ने मांग की तो भोजन इनकी मांग पर भी मिलने की बात कही गई है। इस मामले में मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद आमिर रशीद ने भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता व भाजपा के केंद्रीय पदाधिकारियों से शिकायत की।कहा कि एएमयू में पुरानी परंपरा के अनुसार रमजान में हिदू छात्रों को खाना नहीं मिल रहा है। इस मामले में आमिर,एएमयू वैधानिक रूप से अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है फिर क्यों अल्पसंख्यक संस्थान जैसा रवैया अपनाए हुए है। हिदू छात्र रोजा नहीं रखते तो उन पर तुगलकी फरमान और भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पठानकोट : संदिग्ध बैग में मिली सेना की वर्दी भारत दौरे पर आए फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास सिमी का आतंकी हुआ दोषमुक्त