सावधान: लगातार 'जहरीली' हो रहीं भारत की हवाएं, 9 साल तक कम हो सकती है लोगों की उम्र

नई दिल्ली: वायु प्रदूषण केवल बीमारियां ही पैदा नहीं कर रहा, बल्कि हमारी आयु भी कम कर रहा है. वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI) की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल वायु गुणवत्ता को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मानकों के अनुरूप स्वच्छ बनाने में कामयाब हो जाएं तो औसत उम्र 5.6 साल बढ़ जाएगी. वर्ना इतनी आयु घट जाएगी. सबसे अधिक प्रदूषित शहरों दिल्ली और कोलकाता का नाम है, जहाँ के लोग उम्र के नौ साल गंवा सकते हैं.

AQLI की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण से मुक्ति दुनिया को औसत आयु में दो वर्ष और सबसे अधिक प्रदूषित देशों को पांच वर्षों की बढ़त दिला सकती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 में, भारत का औसत पार्टिकुलेट मैटर कंसंट्रेशन 70.3 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (μg / m3) था, जो विश्व में सबसे अधिक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 10 μg / m3 के दिशानिर्देश का सात गुना है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में विश्व के एक चौथाई लोग रहते हैं. और ये दुनिया के पांच सबसे अधिक आबादी वाले देशों में शामिल हैं. भारत में 48 करोड़ लोग गंगा के मैदानी क्षेत्र में रहते हैं, जहां प्रदूषण का स्तर बेहद अधिक है.

AQLI के अनुसार, प्रदूषण के अनुमानित प्रभावों की तीव्रता संपूर्ण उत्तर भारत में कहीं अधिक है. यह वह इलाका है, जहां वायु प्रदूषण का स्तर दुनिया में सबसे अधिक घातक है। यदि वर्ष 2019 जैसा प्रदूषण संघनन जारी रहा तो इस क्षेत्र, जिसमें दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगर भी शामिल हैं, में रहने वाले लोग अपनी जिंदगी के नौ से अधिक साल खो देंगे.

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