केंद्रीय डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी पूर्वोत्तर राज्य परिवहन एक या एक से अधिक साधन से जुड़े हुए हैं। गुरुवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य हवाई, रेल, सड़क और अंतर्देशीय जलमार्ग जैसे परिवहन के कई साधनों से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। पत्र में उन्होंने कहा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में शुरू की गई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सड़क और रेल संपर्क के साथ नए हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण और विकास की परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान पूरी की गई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में पाक्योंग हवाई अड्डा (सिक्किम), रूपसी हवाई अड्डा (असम) शामिल हैं; असम में लुमडिंग-होजय रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना (45 किमी); अरुणाचल प्रदेश में 300 मेगावाट कामेंग और 110 मेगावाट की पाणे जल विद्युत परियोजनाएं; मोरे में आईसीपी और सभी पूर्वोत्तर राज्यों को कवर करते हुए 1819 किमी सड़क की लंबाई है। उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर राज्य सड़क निवेश कार्यक्रम (बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना) के तहत मेघालय में तीन सड़कों (कालीताकुची से बारपेटा-58.5 किमी, तमालपुर से पानेरी-43 किलोमीटर और पानेरी से उदलगिरी-18.4 किमी) के निर्माण/उन्नयन का काम पूरा कर लिया गया है। त्रिपुरा और अगरतला में कई परियोजनाएं पूरी हुईं। प्रमुख परियोजनाओं में सबरूम नई रेल लाइन परियोजना (112 किमी) शामिल है; उदयपुर- एनएच-44 के सबरूम सेक्शन के पक्की कंधे से किमी 55.00 से किमी 128.712 तक 2-लेन; और 284 से किमी 318 तक एनएच-8 (पुराना एनएच-44) के सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण कार्य; गोमती नदी पर जलमार्ग (त्रिपुरा) है। आर्थिक तंगी के चलते दो बहनों ने दिया इस खौफनाक घटना को अंजाम, माँ का हुआ बुरा हाल जल प्रलय के बाद 13 गावों से कटा मुख्यालय का संपर्क, 300 से अधिक जिंदगियां अब भी परेशानी में 13 फरवरी को नहीं होगी संसद में राज्यसभा की बैठक: वेंकैया नायडू