नाक से बांसुरी बजाने वाले गोरेलाल

कुछ प्रतिभाएं ऐसी होती हैं जो अपनी कला से सभी को विस्मित कर देती है .बिहार के लखीसराय जिले के बडहिया प्रखंड के गिरधरपुर पंचायत के मनोहरपुर गांव का गोरेलाल कव्वाल उर्फ बांसुरी बाबा भी ऐसी ही वाद्य कला की ऐसी अद्भुत प्रतिभा हैं जो बरबस सबका ध्यान खींच  लेती है.गोरेलाल कव्वाल नाक से बांसुरी बजाकर लोगो को अचंभित कर देते है.कई सुरों व गानों की धुन पर जब वे नाक से बांसुरी बजाते है तो लोग आश्चर्य के सागर में डूब जाते हैं.

बता दें कि .गोरेलाल कव्वाल बचपन से ही गीत-संगीत मे रुचि थी. मुंह से बांसुरी बजाते लोगों को देख उन्होंने कुछ अलग करने की सोची और नाक से बांसुरी बजाने की कला सीखने मे लग गए.जब इस कला में पारंगत हो गए तो वर्षों से इस कला से सबको चकित कर रहे हैं. निर्धन परिवार के गोरेलाल भरण-पोषण करने के लिए अपने गांव मनोहरपुर मे ही चाय -नाश्ते की दुकान खोल अपनी जीविका चलाते हैं.

इस बारे में स्थानीय भारती प्रसाद के अनुसार गोरेलाल अशिक्षित होने के बावजूद अद्भुत प्रतिभा से अपने इलाके का नाम रोशन कर रहे हैं. गोरेलाल कव्वाल को तबला, हारमोनियम, नाल बजाने मे भी महारत हासिल है. फिलहाल गोरेलाल अपने गीत-संगीत का प्रदर्शन कर छोटे-छोटे शहरो मे कई बार कर चुके है, लेकिन आज तक उनकी प्रतिभा को वह मुकाम नही मिल पाया, जो उन्हें मिलना था. बिहार के इस विशिष्ट कलाकार गोरेलाल को बिहार सरकार का सहयोग मिल जाए तो इनकी प्रतिभा देश मे निखरने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय भी बन सकती है.

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