कभी-कभी कंपनियों का बिजनेस कारणों, बाजार की उठा-पटक या फिर कॉस्ट कटिंग की वजह से न चाहते हुए भी कर्मचारियों को निकलना पड़ता हैं. ऐसे में नौकरी छूट जाए या छोड़नी पड़े, दोनों ही सूरतें बहुत दुखदायी होती हैं. नई नौकरी तलाशना भी कुछ कम कस्टदायी नहीं होता. विभिन्न मनोचिकित्सकों के अनुसार नौकरी छूट जाने की वजह से अवसाद से घिरे लोगों की संख्या हर साल 30 से 40 फीसदी तक बढ़ सकते हैं. घबराएं नहीं -: नौकरी छूटने पर पहली दिक्कत परिवार के पालन-पोषण की आती हैं. इसलिए अपने दिमाग को बंद न होने दें और संयम से कम लें व घबराएं नहीं. अपना नेटवर्क मजबूत बनाएं, ताकि आपको काम के नये अवसर पता चलते रहें. नाराजगी दूर करें -: जब निकाल दिया जाए नौकरी से निश्चित रूप से यह एक बहुत बड़ा झटका होता हैं. ऐसे में निराश और दुःखी होना बिल्कुल स्वाभाविक हैं, पर इस समय भी संयम और आत्मविश्वास बनाये रखने की जरूरत होती हैं. मन की आपके दिल में अपनी कंपनी और बॉस के लिये बहुत नाराजगी भरी होती हैं, पर ऐसे में शांति और समझदारी से ही काम लेने की जरूरत हैं. ध्यान रखें -: कभी भी सोशल साइड्स पर अपने बॉस या कंपनी के बारे में गलत न लिखें. यह बात आपकी छबि पर गलत पर उल्टा असर डालती हैं. हो सकता हैं की दूसरी किसी जगह आवेदन के समय जब आपको रेफरेंस की जरुरत होगी, तब आपको निराश होना पड़ें. अपने पुराने सहकर्मियों के सामने भी कंपनी के खिलाफ बयानबाजी से बचे, क्योकि तब अपनी नौकरी को खतरे में डालकर भी वे आपकी मदद नहीं कर पाएंगे. इन एप्प और डिवाइसों से सावधान यह आपके प्राइवेट वीडियो को सार्वजनिक बनाती है ये 5 तरीके आपकी बाइक को रखेंगे हमेशा फिट